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Tuesday, 26 March 2019

कारखाना बंद होने के कारण? वास्तु और ग्रह दोष

फैक्ट्री या कारखाना लगाने से पहले अगर कुण्डली का विश्लेषण और वास्तु नियमों का पालन किया जाए तो उद्योग में बड़ोतरी होनी निश्चित है। प्लाट की दिशा दशा देख कर और कुण्डली में ग्रहों को देखने के बाद ही फैक्टरी का निर्माण करना चाहिए।  यहाँ पर कुछ साधारण वास्तु नियम दिए जा रहे है जिन को अपना कर उद्योगपति आर्थिक उन्नति प्राप्त कर सकता है। मंगल और शनि कुण्डली में अस्त, नीच राशि का होने से फैक्टरी बंद  जाती है। 

  • शेरमुखा प्लाट और उस का मुख्य द्वार पूर्व-उत्तर की तरफ हो, पूर्व-उत्तर हमेशा दक्षिण-पश्चिम से नीचा हो। 
  • भारी सामान या कच्चा माल दक्षिण-पश्चिम में रखें। 
  • पार्किंग उत्तर-पश्चिम में हो। प्रसाशक विभाग पूर्व-उत्तर दिशा में होना चाहिए। प्रशासक की कुर्सी का मुँह पूर्व-उत्तर की तरफ हो जिससे ग्राहक का मुख  दक्षिण-पश्चिम में  हो जाए। 
  • पानी की व्यवस्था टूबवेल वगेरा ईशान कोण में उचित रहती है। 
  • धर्मस्थान  ईशान कोण में बनाना चाहिए।
  • सिक्योरिटी गार्ड का कमरा उत्तर पश्चिम दिशा में होना चाहिए। 
  • बगीची ईशान कोण में होने से बरकत रहेगी। 
  • कर्मचारिओं के आवास वायव्य कोण में होना चाहिए और कभी भी बहुमंजली न हो या फैक्ट्री से इस की ऊंचाई ज्यादा ना हो।
  • शोचालय पश्चिम,दक्षिण या वायव्य कोण में होना ज्यादा अच्छा रहता है। 
  • मालिक का कमरा हमेशा प्रसाशनिक भवन के दक्षिण-पश्चिम कोण में होना चाहिए। 
  • कैशियर को हमेशा उत्तर की तरफ मुँह कर के बैठना चाहिए। कॅश बॉक्स में हमेशा बिली की जेर हल्दी दाल कर लाल कपड़े में रखें। https://m.facebook.com/daljitastro
यह सब बातें अपनाने से भी अगर फैक्टरी बंद हो गई है ?, लेबर टिकती नहीं ?, काम छोड़ कर भाग जाती है?, माल का पैसा वापस नहीं मिलता?, मुकदमेबाज़ी शुरू हो गई है?, फैक्टरी बंद हो गई है?कर्जा बहुत हो गया  हो और फैक्टरी  की नीलामी होने वाली है ? अगर यह सब आप के साथ हो रहा है तो कुण्डली का अध्ययन करवाए। संपर्क  करें +94 9417355500 (janakastro.blogspot.com)


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