आमतोर प र देखने या सुनने में आता हे की फलां की लड़की फलाने के लड़के के साथ भर में बिना किसी को बताये घर से कहीं चली गई है जिससे परिवार वालों की समाज में बड़ी बदनामी होती है। बदनामी के साथ साथ शारीरक शोषण और पैसे का नुक्सान भी होता है। मैरे अनुभव में बहुत से ऐसे लोग कुंडली का विश्लेषण करवाने आये जिन के साथ यह दुःखद घटना हुई। कलयुग में बने इस वातावरण का प्रभाव और नासमझी इस का कारन बनते है। तो क्या कुंडली में ऐसे कुछ योग बनते है की लड़की की विवशता हो जाती हे और उसके वश में कुछ नहीं रहता। मैंने यहाँ पर तीन कुंडलिओं का विश्लेषण किया है, नाम गुप्त रखे गए है जिससे किसी की साख को धब्बा न लगे।
तीनो कुंडलिओं का गहन अध्यन करने पर यह योग साहमने आये की अगर :
- सूर्य, मंगल और शनि का आपस में दृस्टि द्वारा या एक ही भाव में होना। सूर्य इज्जत का रखवाला, मंगल साहस को बढ़ाने वाला और शनि ें दोनों का दुश्मन, जो इन पर पाप प्रभाव डालता है।
- सातवें भाव जिस को गृहस्थ (marriage house) का भाव माना जाता है का मालिक(lord), नीच का हो या उस पर शनि की कुपित दृस्टि हो तो यह योग बनता है।
- शनि की गुरु ग्रह( जिस को देवताओं का गुरु माना जाता है) पर कुदृस्टि हो तो ऐसे योग की सभावना बनती है।
- सूर्य-शनि, गुरु-शनि, चन्द्र-शनि का कुंडली में इकठे होने से यह योग और जोर पकड़ता है खासतौर पर कब इनपर मंगल की पूर्ण दृस्टि हो।
- लालकिताब के वर्षफल में अगर शुक्र 8, 10, 12 या लग्न में आता है तो उस वर्ष लड़की या लड़के के घर से भागने के प्रभल योग बनते है।
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