कुण्डली में कुछ ऐसे योग होते है जिन को देख कर जातक के बारे में भविष्यवाणी की जा सकती है जो प्राये सत्य साबित होती है। जन्म कुण्डली में ग्रहों की स्थिति देख़ते हुए भविष्यवाणी की सत्यता को परखा जा सकता है।
किसी भी जन्म कुण्डली में अगर चन्द्रमा चार ग्रहों यानि शनि, मंगल, राहु और केतु से दृस्ट हो तो इस से पापकर्तरी योग बनता है इनमे से चाहे दो पापी ग्रह चन्द्रमा के साथ हो तब भी मनुष्य परेशानी और मानसिक यातना का अनुभव करता है। जब चन्द्रमा के साथ एक ही घर में शनि और राहु या शनि और मंगल तो वह व्यक्ति हमेंशा परेशानी में ही रहता है। ऐसा मनुष्य इतना परेशान रहता हे की पागल लगता है। https://m.facebook.com/daljitastro
यदि जन्म कुंडली में मंगल शुक्र की युति मकर राशि में हो और दूसरे भाव में दोनों ग्रह हों तो दो परिणाम निकलते है।
(१) यदि यह योग किसी महिला की कुण्डली में है तो पिता गन्दी भाषा का इस्तेमाल गाली गलोच करने वाला होगा (२) ऐसा योग अगर किसी पुरष की कुण्डली में हो तो उस का चाचा हमेसा गन्दी भाषा की इस्तेमाल करने वाला प्राणी होगा। (३) इस योग में जन्मे मनुष्य की पत्नी यां पति का एक भाई होगा या यह प्राणी घर में सब से छोटा होगा। (४ ) अगर मंगल शुक्र इकठे सातवें या दशम भाव में हो तो उसका चरित्र ठीक ना होगा।
मंगल ग्रह अगर तीसरे भाव में हो तो ऐसा मनुष्य साहसी, लड़ाई में भाग लेने से कभी नहीं घबराता , साहस उस में कूट कूट कर भरा होता है। दूसरों की मदद के लिए हमेशा बिना सोचे समझे बिना किसी देरी के तेयार रहता है। अगर शनि तीसरे भाव में हो तो व्यक्ति जल्दी किसी का मददगार नहीं होता। कुण्डली विश्लेषण के लिए संपर्क करें 919417355500
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