नशे का आदी बनाने वाले कई ज्योतिष योग होते है जिन का बालक के बचपन में ही कुण्डली के अध्यन द्वारा समझ कर उपायों द्वारा कुछ हद तक घटाया जा सकता है यां पूर्ण रूप से ख़त्म किया जा सकता है। आज कल लोगों में नशे की आदत ज्यादा ही होती जा रही है। नशों में भांग, गांजा, चरस, अफीम, शराब, कोकीन, हेरोइन और बिमारिओं के इलाज में प्रयोग होने वाली दवाईओं गोलियां और कैप्सूल के रूप में प्रयोग होता है। नशों का आधी होने वाले कई योग है जैसे : जिस जातक का शनि 1 , 2 , 4 और 12 वे भाव में बैठा हो और चन्द्र से सम्बन्ध बनता हो तो शराब या नीच राशि मेष का हो तो नशे की लत से छुटकारा पाना मुश्किल होता है। इन जातकों कोनशे की वजह से जिगर (Liver) का रोग होता है। यह योग और भी प्रभल हो जाता है जब लग्नेश या दूसरे भाव का स्वामी कुण्डली में कहीं पर भी साथ बैठा हो, या पूर्ण दृस्टि डालता हो।
शनि और चन्द्र की युति हो और सूर्य नीच राशि तुला के कुंडली में तो व्यक्ति किसी भी नशे को लेने में संकोच ना करेगा। कुण्डली का सूक्षम अध्यन करने के बाद ही उपाय करने से इस बुराई से छुटकारा पाया जा सकता है। एक साधारण उपाय को प्रयोग में ला कर नशे की इस लत को कम करने में मदद मिलती है। आप को किसी घोड़े या घोड़ी जिस को दौड़ कर पसीना आया हो, किसी साफ़ नए सफेद कपड़े से यह पसीना घोड़े की पीठ से पोंछ लें। इस कपड़े को दो लीटर पानी में डुबो दें। अच्छी तरहे से निचोड़ दे की पसीना पानी में मिल जाए। इस पानी पर अपने ईस्ट देवता का जप 1001 बार करे और प्रार्थना करें की जातक जिस को इस लत से मुक्ति दिलानी हो। रोजाना 41 दिन लगातार उस मनुष्य को लगभग 30 -40 मिलीलीटर पानी पीने को दें या किसी खाने की वस्तु में मिला कर दें। परमात्मा चाहेगा तो इस पानी को पिने वाला नशे से छुटकारा पा लेगा। कुण्डली के गहन अध्यन के लिए संपर्क करे +91 9417355500 ेंजो
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