Translate

Monday, 25 February 2019

गड़ा धन(Treasure trove) मिलने के योग

गुप्त खजाना प्राप्त करके मालामाल होने का सपना कई व्यक्तिओं का होता है और आजकल मेरे देखने में आया हे की कई लोगो को गड़ा धन दिखाने  और निकलवाने में  कई झूठे तांत्रिक, लोगों को लूट रहे हैं। अगर आप के आस पास जमीन में  गड़ा धन है तो कैसे पता लगेगा के वाकई खजाना है या नहीं ? एक अख़बार में मैंने लिखा पाया की गड़े धन के चक्र में एक परिवार के लोग आपस में झगड़ा करने लगे की तांत्रिक ने उन्हें बताया की उनके  घर के पास जमीन में सोना दबा हुआ है मगर तांत्रिक लोग खजाना ले कर भाग गए। इससे यह पता लगा की गड़ा धन उनकी किस्मत में ना था। किन लोगो की किस्मत में गड़ा धन मिलने के योग होते हैं ? जिन के ग्रह में अचानक धन प्रप्ति का योग हो। लालकिताब में अचानक धन मिलने बारे कहीं-कहीं पर रमजो यानि पहेलियों (Riddles) में बताया गया है। 
  •  बृहस्पति और सूर्य का कुंडली में इकठे और उच्च का होने से लालकिताब में शाही धन लिखा है।  बृहस्पति के  साथ सूर्य  होने के वक्त किस्मत का ताल्लुक गैरों के साथ नैक मगर रूहानी होगा और दुनयावी कामों में कामयाबी जरूर मिलेगी। अगर नेक तो किस्मत के मैदान में राजा योगी होगा।
  •  बृहस्पति- चन्द्र अगर कुंडली में नेक हालत में इकठे हो तो हर कार्ये में सफलता छुपे धन की प्राप्ति होगी। वह बोहड़ के पेड़ जैसा होगा जो दूसरों को छाया देगा। 
  •  बृहस्पति-शुक्र युति में औरतों की मदद हमेशा मिलती रहे इसको बुर के लडू यान दिखावे का धन लिखा गया है मगर नेक होने पर बहुत धन की प्राप्ति होती है।  
  •  बृहस्पति-मंगल युति हो तो श्रेष्ट ग्रहस्त धन या नेक "मंगल हो किरणे सोने की - जगत भंडारी होता हो" ऐसा लिखा गया है। ऐसे मनुष्य के पास धनदौलत और जमीन जायदाद जरूर होगी। 
  • सूर्य - मंगल का कुंडली में नेक असर होने से आकस्मिक दान प्राप्ति का योग बनता है। सूरज हमेशा उच्च का होगा जब मंगल नेक हालत पर होगा ऐसे टेवे में चन्द्र (माता) माता भाग्य खजाना वगेरा चंद्र की चीजें का असर मंदा न होगा। माया बहुत होगी अगर दोनों खाना नंबर 3 में हों। शर्त यह है की मकान के चारों कोने 90 अंश के हो। 
  • चन्द्र-मंगल को श्रेष्ट धन कहा गया है।  मीठी गुजर हो दूध शहद की,लाल चांदी धन माया हो। आयु उत्तम और शक्ति पूरी , दान देने से बढ़ता हो। अगर दोनों को बृहस्पति देखे तो श्रेष्ट धन और लक्ष्मी योग कहा गया 
इस तरहे मंगल-शनि और शनि-गुरु का योग भी ध्यान में रखना चाहिए। समझदार को इशारा ही काफी है और मुर्ख को समझना मुश्किल है।

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.