घोड़ा एक ऐसा पशु है जिस में लम्बे समय तक बगैर थके कार्य करने की क्षमता होती है। आज किसी भी कार, मोटरसाईकल, ट्रक, बस की क्षमता मापने के लिए घोड़े का नाम(Horse Power) प्रयोग होता है। प्राचीन समय में घोड़ा लड़ाई में वाहन के रूप में प्रयोग होता था इस का मतलब यह सब से ज्यादा वफादार और शक्तिशाली प्राणी है।
घोड़े के पैरों में लगने वाली धातु की नाल क्यों भाग्यशाली मानी जाती है? आप ने देखा होगा की घोड़े के खुरों में नाल को कीलों से ठोका जाता है मगर घोड़े को दर्द नहीं होता। यह नाल घोड़े के पैरों में जूतों का काम करती है। तो फिर घिसा हुआ जूता कैसे भाग्यशाली हुआ ? मनुष्य के पैरों में चमड़े, रेक्सीन, रबढ़ का जूता या चप्पल पहनी जाती है। जो घिसने के बाद किसी काम नहीं आती। मगर लोहा, ताम्बा, कलई, पीतल की नाल घिसने के बाद और भी ज्यादा बरकत वाली हो जाती है।
सबसे पहले घोड़े की नाल इट्रस्केन टॉम्ब( Etruscan Tomb) जिसे Tomb of the Reliefs भी कहा जाता है में 1897 को मिली थी जो की कांसा धातु (Bronze) से बनाई गई थी, और इस में कीलें लगाने के लिए सुराख़ भी थे।
घोड़े के दौड़ने से यह नाल घिस जाती है और इस को घर में रखना प्राचीन समय से ही शुभ माना जाता है। घर, दुकान,कारखाने में बाहरी दरवाजे के पास लगाने से शुभ मानी जाती है। जिससे घर में रहने वाले लोग ज्यादह काम करने वाले मेहनती बनेंगे और एक दूसरे के वफादार रहेंगे, ऐसा ही कारखाने या दूकान में होगा। घोड़े की शक्ति इस नाल में होने से बुरी आत्माओं का भी घर दुकान में प्रवेश नहीं होता।
घोड़े की नाल को घर के दरवाजे यां बाहरी दीवार पर इंग्लिश के अक्षर यु (U) की तरहे लगाना शुभ माना जात्ता था की इस तरहेँ नाल लगाने से भाग्ये बाहर ना जा सकेगा। मैंने अनुभव किया है की नाल का खुला मुँह निचे की तरफ कर के लगाने से भी शुभ फल की प्राप्ति होती है इस में कोई संशय नहीं है। कई देशो में नाल को अंग्रेजी के अक्षर C की तरहें लगाना भी शुभ माना जाता है।
पूरा काले रंग के घोड़े की नाल को घर में रखना, दरवाजे पर लगाना और इस द्वारा बनी अंगूठी छल्ला पहनना शनि के बुरे प्रभाव से बचाता है।
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