रुद्राक्ष के पेड़ मुख्यते हिमालय के आसपास इलाकों में मिलते है। इस वृक्ष का साइंटिफिक नाम Elaeocarpus ganitrus है और हिन्दू और बुद्ध धर्म के मानने वाले इस की पूजा करके धारण करते है। रुद्राक्ष में विद्युत तरंगे होती है मुख्ते एक से चौदह मुखी रुद्राक्ष देखने को मिलते हैं मगर कुल इक्कीस मुखी तक रुद्राक्ष पाए जाते हैं। इस का ज्ञान इस पर धारिओं की संख्या से ज्ञात किया जा सकता है जैसे एक मुखी रुद्राक्ष पर एक धारी होगी और दस मुखी पर दस धारायें होंगी। प्रत्येक राशि के लिए अलग रुद्राक्ष धारण करना होता है। रुद्राक्ष को धारण करने से पापों, रोगों, दोषों से मुक्ति मिलती है मन पवित्र होता है। रुद्राक्ष को सोने, चाँदी में मढ़वाकर किसी सिद्ध मुहर्त में अभिमन्त्रित करवा कर ॐ नमः शिवाय यां महा मृत्युंजय का जप करके धारण करना चाहिए। इस को धारण करने की एक खास विधि होती है। आजकल बाजार में नकली रुद्राक्ष ज्यादातर मिलते है जो की लकड़ी से बनाये जाते हे उन पर त्रिशूल का निशान , सांप या ॐ नमः शिवाये खुदा होता है। पानी में डालने से नकली रुद्राक्ष तैरने लगता है। असली रुद्राक्ष पानी में डूब जाता है और भी कई तरिके हैं जिस से असली नकली की पहचान की जा सकती है।
एक मुखी रुद्राक्ष साक्षात भगवान शंकर का जीता जागता स्वरूप है। इस को धारण करने से सभी कार्य सफल होते है। धारक का मन पवित्र होता है। जिस मनुष्य का बृहस्पति उच्च का हो और मोक्ष प्राप्ति का इच्छुक हो तो श्रद्धा से धारण करने से महादेव की कृपा होती है
दो मुखी रुद्राक्ष कर्क लग्न वाले जातकों को ज्यादा लाभकारी होताहै। व्यापार में सफलता तथा कई रोगों का नाश होता है।
त्रिमुखी रुद्राक्ष धारण करने से मंदबुद्धि व्यक्ति भी ज्ञानवान बनता है। रक्तचाप को ठीक रखने के लिए इसे धारण करना चाहिए।
चारमुखी रुद्राक्ष ब्रह्मा जी का सवरूप है। मानसिक रोगों में धारण करने से लाभ देखा गया है। धनु और मीन राशि के जातक इसे धारण कर के लाभ उठा सकते हैं। डॉक्टर, इंजीनियर और लेक्चरार इसे धारण कर सकते है।
पंचमुखी रुद्राक्ष दुःख और दरिद्री का नाश करता है महामृत्युंजय अनुष्ठानों में इस का प्रयोग होता है।
छ: मुखी रुद्राक्ष वृष लग्न के जातक धारण कर के अपनी आत्मशक्ति,समरणशक्ति और ज्ञान में वृद्धि कर सकते हैं।
सात मुखी रुद्राक्ष सात आवरण का प्रदाता है। यह रुद्राक्ष वृष,कन्या और कुम्भ लग्न के जातक धारण करके अपने में आकर्षण पैदा कर सकते है
अस्टमुखी रुद्राक्ष विनायक का रूप माना जाता है। यह रुद्राक्ष मीन लग्न के व्यक्ति धारण कर के आठों दिशाओं में लाभ प्राप्त कर सकतें है।
नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से नौ तीर्थों का फल प्राप्त होता है
दश मुखी रुद्राक्ष मिथुन और कन्या लग्न वालों को धारण करने से ज्यादा लाभ होता है और सभी कामनाएं पूरी होती है। वकील , नेता, कवि, कलाकार इसे धारण करके लाभ प्राप्त कर सकते है।
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष वृश्चिक लग्न वाले धारण करके अश्वमेघ यघ का लाभ प्राप्त कर सकते है
रुद्राक्ष धारण करने वाले को पूर्ण लाभ के लिए सात्विक जीवन व्यतीत करना चाहिए। प्राणप्रतिष्ठत सिद्ध किये असली रुद्राक्ष प्राप्त करने के लिए सम्पर्क करें। 91 9417355500 (astrology research centre)
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