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Thursday, 21 February 2019

कृत्या-अभिचार, धातों अपघातों से रक्षा कैसे?

पिछले जन्मों और इस जन्म में मनुष्ये जाने अनजाने में कई पाप करता है, जिसका फल तो भोगना ही पड़ता है। गुरुबाणी में अनमोल वचन है की अगर कपड़ा या शरीर मैला हो जाए तो साबुन लगा कर धोने से गंदगी को धोया जा सकता है, अगर मन ज्यादा मैला हो जाए तो गुरु के नाम सिमरन से मन के गंदे विचारों को शुद्ध किया जा सकता है। इसी तरहे पापों के निवारण के लिए  वेदों में कई उपायों का वर्णन है। 
त्रिलोह का कड़ा: धातुऐं  जैसे  चांदी, सोना, ताम्बा  का मनुष्य जीवन पर अटूट प्रभाव पड़ता है  इनमे से सोना को सबसे उत्तम 

धातु माना जाता है  पर  सब अन्य धातुओं में कई गुण होते है।  त्रिलोह का कड़ा  जिसमे 16 भाग चांदी (Silver), 12 भाग 

ताम्बा(Copper) , 10 भाग सोना (Gold) के अनुपात  से धातुऐं डलवा कर शुक्ल पक्ष  में  रवि-पुष्ये  यां  गुरु-पुष्ये  नक्षत्र  

आने पर बनवा कर अथर्ववेद के  रक्षोहण मन्त्र  कांड 8, सूक्त 3 और 4  से अभिमंत्रित कर दाहिने  हाथ में डालने से आने वाले 

संकटों ,कष्टों , रोगों , बुरी आत्माओं  के कुप्रभाव से बचाव किया जा सकता है।  अभिमंत्रित रक्षा करण्ड  प्राप्त करने के लिए संपर्क  सूत्र  वाट्सएप्प  919417355500 

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