लालकिताब में कुंडली (Horoscope) की दुरुस्ती(Amendment) की जा सकती है। दुरुस्ती से भाव जिन लोगो को जन्म समय का पूर्ण ज्ञान न हो उन की कुंडली को लालकिताब में दी हुई मकान कुंडली, कुंडली में आये लग्न को घुमा कर आगे और पीछे करके देखना, जैसे कुंडली बनाने पर लग्न मकर आये तो धनु और कुम्भ लग्न का फल भी जाँच लेने से कुंडली की दुरस्ती की जा सकती है। क्याफा भी लालकिताब में कुंडली दुरुस्ती का साधन है, हाथ की लकीरों द्वारा भी कुंडली की दुरुस्ती की जा सकती है। जन्म कुंडली में अगर जन्म तारीख का पूरा पता हो और जन्म समय का ज्ञान न हो तो आसान दुरुस्ती की जा सकती है।
हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला के एक व्यक्ति को जन्म के समय का पूरा ज्ञान न था, मेरे पास कुंडली का अध्यन करवाने आया। उस ने अपनी जन्म तारीख 2 मार्च 1975 बतलाई मगर जन्म समय रात का पहला प्रहर बताया। यह रात्रि के 12 बजे से 3 बजे तक बनता है। जब कुंडली का निर्माण 12:05 बजे रात्रि का किया तो लग्न वृश्चिक(Scorpio) आया और 2:30 सुबहे कुंडली बनाने पर धनु( Sagitarius) लग्न आया।
मगल-बुध मुस्तरका पहली कुंडली 12:05 सुबहे वाली कुंडली में खाना नंबर 2 और 2:30सुबहे कुंडली में खाना नंबर 3 में होने का जुदा- जुदा फल आया। नेक हालत में खाना नंबर 2 का फल लालकिताब में ऐसे लिखा गया - घर आठवां जब तक हो खाली नेक असर ही होता हो आप धनी ससुराल अमीरी-लावल्द कभी न होता हो। अगर खाना नंबर 3 में मंगल बुध मंदे हों तो- माया हर काम में मन्दा असर दिखलावे। दिल हमेशा बुरे कामों की तरफ चलता होगा। हाथ में लकीरों से पता चला मंगल-बुध का नेक असर नहीं मिल रहा तो 12:05 सुबहे वाली कुंडली सही साबित हुई। बुध ग्रह तीसरे भाव में आने से विद्या में रुकावट मगर ज्यादा पढ़ा लिखा ना होने पर भी पढ़े लिखों जैसा। जुबान में तुतलाहट ने हो तो इतना मन्दा असर नहीं होगा। दांतों में खराबी तो विद्या में रूकावट।
राहु का फल पहले भाव मेंअमूमन मन्दा असर ही देता है- सीढ़ी पर चढने वाला हाथी दौलतमन्दी की निशानी मगर सूरज बैठा होने वाले घर में ग्रहण होगा की शर्त सामने आयी। सूर्य चौथे भाव यानि सुख स्थान में बैठा होने से माता से लाभ कम और साथ में सूरज के बुर्ज पर राहु का जाल देखने से ज्ञात हुआ के राहु खाना नंबर 1 में ही होना पाया गया। पहले भाव से शारारिक सरचना बारे भी ज्ञात होता है। केतु सातवे भाव में बैठा होने से किसी को झूठा वचन नहीं देना चाहिए। कोई सुखना(वचन कर लेना) कर के उतारा न जाना भाग्ये को ख़राब करता है।
मकान कुंडली से मकान के बारे में पता किया तो पाया की घर में दो गेट यां दरवाजे होने की शर्त बारे पता लगता है। या घर को दो गली लगती होंगी। जातक विदेश में रह कर नौकरी कर के वापस आ गया। प्रेम विवाह किया गया। विवाह के बाद पत्नी की सेहत पर बुरे प्रभाव पड़े। राहु की शरारतों कारण कारोबार में आमतौर पर तब्दीली होती रही। अगर लालकिताब में दिए फल व्यक्ति के पिछले समय की घटनाओं से मेल खाएं तो कुंडली की दुरस्ती की जा सकती है।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.