Translate

Thursday, 24 January 2019

लाल किताब में शादी का वक़्त

                         लाल किताब में शादी का वक़्त वर्ष फल देखने से पता चलता हे।  शनि गृह जब खाना नंबर एक में आये और शुक्र , बुध की दोस्ती हो तो शादी का योग बनता हे।  बुध शुक्र मुस्तरका या जुदा-जुदा खाना नंबर 1,2,10,11,12 , में आ जाये और शनिशर उस वक़्त खाना नंबर 1,2,10,11,12 , या 1,5 ,10 ,6 ,2 ,7 ,8 ,या 4  में हो मगर बुध उस वक़्त 4,5 ,6 ,7 ,8 खाना में न हो। मेरे अनुभव में आया है की अगर शुक्र वर्ष फल में खाना नंबर  या 7 में बैठा हो और उस पर पापी टोला की दृस्टि न हो तो साल शादी का होता है। 
                        लड़की के टेवे में गुरु गृह ४ नंबर खाना में हो तो शादी जल्दी होने का योग बनता है।लड़की के टेवे में रवि मंगल का साथ गुरु से हो तो ऐसा वर मिले जिस का पिता न होगा यानि उस का ससुर न होगा। जिस लड़की के पिता के टेवे में बुध गृह  खाना नंबर 6 में हो उस का विवाह अगर उस के जद्दी घर से उत्तर की तरफ हो जाये तो अमूमन दुःखी ही रहेगी। 
                         शनिशर खाना नंबर सात वाले जातक की शादी अगर 22 वे साल उम्र तक ना हो तो उस की आंखे ख़राब होंगी। कुंडली में अगर सूरज पहले घरों में हो और बुध बाद के घरों में हो तो औरत का सवभाव उम्दा और असर नेक होगा।  अगर बुध पहले घरों में हो और सूरज बाद के घरों में हो तो औरत का रंग और सवभाव मंदा होगा। जब सूरज बुध मुस्तरका हो और शनि की दृस्टि न हो तो असर उम्दा होगा अगर शनि का प्रबाव सूरज बुध पर हो तो औरत का स्वभाव चंचल और मंदा होगा। 

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.