लवजिहाद दो शब्दों का मेल हे लव इंग्लिश भाषा का शब्द हे यानि प्यार,इश्क या मोहबत और जिहाद अरबी भाषा का शब्द हे भाव किसी खास मकसद को पूरा करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देना। लव जिहाद के चुंगल में वही लोग फसेंगे जिन के गृह ख़राब होंगे। जिस औरत या मर्द के टेवे में सूर्ये, चन्दर, मंगल और शुक्र में यह चारों ग्रह या इनमें से कुछ ग्रह नीच राशिगत होंगे या कुंडली में 6 ,8 ,12 वे भाव में हों तो यह योग बनता है। लग्न का स्वामी और सातवें घर का स्वामी अगर 8 वे भाव में हो या 7 वे भाव पर पापी ग्रहों की दृस्टि हो तो विवाह सुखमय नहीं रहता मसलन 7 वा भाव या 7 वे भाव के मालिक ग्रह का दूषित होना ही माना जायेगा।
लाल किताब के नजरिए से देखे तो अगर खास मकसद को रख कर शादी की जाए तो ग्रस्थ का फल मंदा ही होगा। पुरष की कुंडली में अगर शुक्र ग्रह के दाई ,बाई तरफ पापी ग्रह हों या शुक्र से चौथे या आठवें मंगल और सूरज शनि हो या दोनों इकठे हो तो औरत जल कर मरे। सूरज,राहु,बुध इकठे तो शादी एक से ज्यादा होंगी
लग्नेश और सप्तमेश अगर 12 वे भाव में हो तो संभवत प्रेम विवाह होता है। लड़की की कुंडली में अगर विष कन्या योग हो तो भी ऐसा विवाह संभव है जिसमे पति की मृत्य हो सकती हे। लव जिहाद का जिक्र पुराने शास्त्रों में नहीं मिलता मगर इस का मतलब तो विवाहिक सुख के साथ ही है।
निवारण के लिए नीच गृह की वस्तुऔ का दान करना , कारक गृह का रत्न धारण करना, वर्ष्फ़ल कुंडली और गोचर ग्रह जो धोखे के गृह हों को हटाना। बचपन से ही उपाय करने चाहिऐं जिस से बाद में लव जिहाद जैसे हालात पैदा न हों
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.