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Tuesday, 22 January 2019

लाल किताब में ग्रह मुश्तर्का का असर

लाल  किताब  द्वारा  ज्योतिष  समस्याओं  का  समाधान  बहुत  ही  स्टीक  उपायों  द्वारा  किया  जाता  है। इस  विधि  द्वारा  वर्षफल  बनाकर  भी  अध्ययन  किया  जाता  है।  मेरे  अनुभव  में  यह  बात  देखने  को  आई है  कि  गलत  उपाय  करवाने  से  फायदे  की  जगह  नुक्सान  ही  होता  है।  आज  मार्कीट  में  लाल  किताब के बहुत  से  संस्करण  मिलते  हैं।  यह  गाईडनुमा  किताबों  में  असल  किताब  जो कि  उर्दू  भाषा  में  लिखी गई  है,  को  तोड़-मरोड़  कर  पेश  किया  गया  है।  1941-42  और  उसके  बाद  1952  में  लाल  किताब का  सबसे  बड़ा  संस्करण  छपा।  लाल  किताब  में  प्रत्येक  खाना  में  पड़़े  ग्रह  का  अध्ययन  किया  जाता है।  इसमें  राशियों  को  मिटा  दिया  गया  है।  किसी  भाव  में  अगर  पाँच  ग्रह  हों  तो  उनका  मुश्तर्का अध्ययन  फिर चार,  तीन,  दो  और एक  ग्रह  का  अध्ययन  भी  किया  जाता  है।
दो  ग्रहों  का  फलः-कुण्डली  में  दो  ग्रह  इक्कट्ठे  हों  तो  प्रत्येक  खाना  में  उनका  असर  भिन्न  होता  है। कुण्डली  में  तथा  वर्षफल  में  उनका  उसी  अनुसार  फल  प्राप्त  होता  है  तथा  उनके  उपाये  करने  बताये गये  हैं।  अगर  लगन  कुण्डली  या  वर्ष  कुण्डली  में  1)  वृहस्पति  शनि  मुश्तर्का  हों  तो  चन्द्र  पूजा  मदद देगी।  मालिक  से  अपनी  किस्मत  का  हिस्सा  मांगने  वाला  साबिर  व  शाकिर  हो,  वृहस्पति  सूरज मुश्तर्का  में  मुफ्त  का  माल  मत  ले  खालिस  सोना,  केसर  घर  में  रखे,  पुरानी  चारपाई  मुबारक।  3) वृहस्पति-चन्द्र  मुश्तर्का  में  केतु  की  आशिया  तह  ज़मीन  में  दबायें  और  होल  दिली  पत्थर  पहने।  4) वृहस्पति-शुक्र  मुश्तर्का  में  खुशामद  मत  करवायें  या  करें।  5)  वृहस्पति-मंगल  श्रेष्ठ  गृहस्थ  धन  6) वृहस्पति-राहू  में  जिस्म  पर  सोना,  होल  दिली  43  दिन  गाय  के  झूठे  पानी  में  धोयें  और  मंगल  की वस्तुओं  का  दान  करंे।  वृहस्पति-केतु  मुश्तर्का  में  जर्द  निम्बू  धर्म  स्थान  में  देवे।  अगर  जड़  में  9,12  में
शुक्र,  बुध,  राहु  हों।  7)  सूर्य-चन्द्र  मुश्तर्का  में  पिता  लम्बी  उम्र  का  न  होगा।  औरत  के  हाथ  में  सोने की  चूड़ी  मुबारक।  8)  सूरज-बुध  मुश्तर्का  में  रात  को  तहरीर  लिखने  से  लाभ।    9)  सूरज-शनि मुश्तर्का  मंे  नारियल  बादाम  सूर्य  ग्रहण  के  समय  में  जल  प्रवाह  करें।  औरत  के  सिर  पर  मूंगा,  तांबा, सोना  मुश्तर्का  का  क्लिप  लगाये।  10)  सूरज-राहू  मुश्तर्का  में  जौं  भार  के  नीचे  दबायें,  अन्धेरी  जगह पर  और  जौं  दूध  में  धोकर  जल  प्रवाह  करे।  तांबे  का  पैसा  रात  भर  कायेलों  पर  गर्म  करके  सुबह पानी  में  बहायें।  11)  सूरज-केतू  मुश्तर्का  में  काले-चिट्टे  तिल,  नारियल  तथा  साबत  बादाम  सूरज ग्रहण  के  समय  पानी  में  बहायें।  12)  चन्द्र-शुक्र  मुश्तर्का  में  चांदी  की  चेन  डालने  से  लाभ  होता  है।
13)  चन्द्र-शनि  मुश्तर्का  में  दो  रंगा  जानवर  घर  में  हो  तो  उसका  माथा  काला  कर  दें।  लगातार  43 दिन  खालिस  पानी  मत  पीयें।  14)  चन्द्रमा-राहू  मुश्तर्का  में  राहू  की  चीज़ें  पानी  में  बहायें  या  केतु  के दुश्मन  ग्रह  की  वस्तुयें  पानी  में  बहायें।  15)  चन्द्रमा-केतू  मुश्तर्का  में  रात  को  दूध  मत  पीयें।  16)
शुक्र-राहु  मुश्तर्का  में  नारियल  का  दान  मुबारक।  17)  शुक्र-केतु  मुश्तर्का  में  पड़ोसी  की  शादी में
रूकावट।  18)  मंगल-राहू  मुश्तर्का  में  रोटी  रसोई  में  बैठकर  खायें।  19)  चन्द्र-मंगल  मुश्तर्का  में  बुध को  ठीक  करें,  उसके  लिए  राहु  से  सहायता  लें  तथा  सरसों,  मसुर  दाल  का   दान  दें।  20) मंगल-शनि  मुश्तर्का  में  लेन-देन  पक्का  करें।  हरेक  काम  लिखित  पढ़त  के  बाद  ही  करें।  घोड़ी  का दूध  घर  में  मुबारक।  21)  मंगल-केतु  मुश्तर्का  में  कुुत्तों  की  पालना।  सफेद  काला  कुत्ता  पालना मुबारक।  22)  बुध-राहु  मुश्तर्का  में  चन्द्र  की  आशियां  कब्रस्तिान  में  दें  और  शमशान  के  कुऐं  का  पानी
घर  में  रखें।  23)  सनिचर-केतु  मुश्तर्का  में  मवेशी  एक  रंग  का  रखें,  मुबारक  होगा।  अगर  किसी कुण्डली  में  पंचायत  बैठी  हो या  पांच  ग्रह  इक्ट्ठे  हों  तो यह  उत्तम  फलदायक  होती  है।
इस  तरह   लाल  किताब  में  मुश्तर्का  ग्रहों  के  बहुत  से  उपाय  लिखे  हैं  मगर  बगैर  कुण्डली  के अध्ययन  के  कोई  भी  उपाय  अपने आप  नही  करना  चाहिए।
लाल  किताब  में  वर्जित  दान

लाल  किताब  में  जन्म  कुण्डली  या  वर्षफल  में  अगर  ग्रह  उस  हिसाब  से  आ  जायें  तो  उस  वर्ष  ग्रह  के मुताबिक  दान  देने  से  लाभ  की  जगह  हानि  होती  है।  यह  हानि  या  लाभ  वर्षफल  में  आने  से  वर्षफल के अन्त  तक  रहती  है।  उच्च  के  ग्रह  का  दान  देने  से  या  नीच  के  ग्रह  से  सम्बन्धित  वस्तुओं  का  दान लेने  से  हानि होती  है।
चन्द्रमा  ग्रह  यदि  6वें  खाना  में  हो  तो  मुफ्त  में  पानी  का  दान  देना  हानि  करता  है।  इससे चन्द्रमा  6  वाले जातक  की  सन्तान को  नुक्सान  पहंुचेगा।
शनि  8  वाला  यदि  धर्मशाला  या  ऐसे  मकान  बनवाये  जहां  मुसाफिर  मुफ्त  में  रहे  तो  जातक स्वंय  बेघर  हो जायेगा।

यदि  वृहस्पति  7वें  घर  में  हो  तो  ऐसा  जातक  किसी  साधु  या  धर्म  स्थान  पूजारी  को  मुफ्त  में नयें  कपड़े  में  दे  तो  स्वयं  निर्धन  हो जायेगा  और  उसकी  औलाद पर  बुरा  असर  पड़ेगा।
चन्द्र  12वें  घर  में  हो  तो  धर्मोपदेशक  मत  बने।  स्कूल  में  मुफ्त  विद्या  या  पढ़ाई  की  वस्तुयें  मत दें  नही  तो बिमारियां उसे  घेरे  रखेंगी  और  शरीरिक  कष्ट उठाने पड़ेंगे।
यदि  शुक्र  9वें  खाना  में  हो  तो  जातक  गरीब-यतीम  बच्चों  की  पढ़ाई  का  खर्चा  या  वजीफा मत  दें।  पुस्तकंे,  पढ़ाई  के लिए  पैसे  देना  उसको  आर्थिक  तौर पर  नुक्सान उठाना  पड़ेगा।
यदि    वृहस्पति    खाना    नम्बर    10    में    हो    तो    और    चन्द्र    खाना    4    में    हो    तो मन्दिर-मस्जिद-गुरूद्वारा  बनवाये  तो  झूठी  तोहमत लगती  है।
शनि  यदि  नम्बर  1  घर  में  हो  और  वृहस्पति  5वें  घर  में  हो  तो  फकीर  या  मांगने  वाले  को  तांबे का  पैसा  मत  दें।






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