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Monday, 5 August 2019

जम्मू-कश्मीर का भविष्य: ज्योतिष विवेचन

नीच का मंगल बढ़ाएगा मुश्कलें 

जम्मू-कश्मीर रिऑर्गनिज़शन बिल राज्य सभा दिल्ली में 5 अगस्त, 2019 को  शाम 6 :50 बजे पास किया गया।इस में धारा 370 को ख़त्म करने का प्रावधान है।  इस समय की कुण्डली में नाभ यानि महा पदम नामक  काल सर्प दोष बनता है।जिस कुण्डली के छटे भाव में राहु होता है इस में लोग अपनी जाति के लोगों से ही परेशान रहते है , झूठे आरोप बहुत लगते है। कार्यों में बाधा आती है। इस काल में हस्त नक्षत्र था जिस  के होने से लोग मिथ्यावादी,  चोर बुद्धि , छूठे, व्यर्थ साहसी बनाते है।   जिस से राहु की अवधि 42 साल तक अड़चने ज्यादा आएंगी। सूर्य 7 वे भाव में नीच के मंगल के साथ बैठा होने से मार काट बढ़ सकती है।  चन्द्रमा के आगे पीछे कोई ग्रह न होने से केमन्द्रम योग बनता है। मानसागरी ग्रन्थ में केमन्द्रम योग के बारे में ऐसा लिखा गया है। 

केमन्द्रम भवति पुत्र कलत्र हीनो।
देशांतरै वज्रति दुःख सभा भितप्त।
ज्ञाति प्रमोद निरतो मुखर : कुचेलो ,
नीच : सदा भवति भीति युत शिचरायु :
यह योग जब कुण्डली में होता है तो ऐसी कुण्डली वाला कर्ज के बोझ से दरिद्र हो जाता है। जातक परिजात ग्रन्थ में कहा गया  है की इस योग के कारण कुण्डली में दूसरे कितने भी राजयोग और मंगलकारी योग हों वह अपना अच्छा फल नहीं दे पाते।
कुण्डली में चन्द्रमा की महा दशा केतु का अंतर् चल रहा है जिस से जम्मू-कश्मीर के लोगो में वहां से पलायन का मन बनेगा। आगे मंगल की महा दशा में शनि भंग रहेगी। हम अखण्ड भारत की कामना करते है । 

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