देवी-देवताओं को खुश करने के लिए उनकी प्रिय वस्तुयें चढाने से मनचाहा फल प्राप्त किया जा सकता है, परन्तु कुछ वस्तुये उन को अप्रिय होती है जिन को अर्पित करने से देवता को दुःख होता है और अर्पित करने वाले को नुक्सान होता है।
गणपति को दूर्वा 3 या 5 पती और लडू बहुत ही प्रिय हैं। तुलसी पत्र निषेद्य है कभी भूल कर भी गणपति जी को अर्पित मत करें।
शिव को धतूरा फल, शमी फूल, पता , नील कमल , लाल कमल प्रिय हैं। केतकी , केवड़े को मत अर्पित करे यह निषेद्य है।
विष्णु तुलसी पत्र , दल प्रिय होते हैं। निषेद्य वस्तुये आक धतूरा , चिचड़ा और गूलर हैं , कभी मत अर्पित करें।
लक्ष्मी को एक नील कमल अर्पित करने से लाखों श्वेत या लाल कमल अर्पित करने का फल प्राप्त होता है।
सूर्य को पलाश, दूर्वा, अगस्ते, कमल, शमी के पते , गुड़ अर्पित करने से सूर्य देवता प्रस्सन होते है। धतूरा, अपराजिता निषेद्य हैं।
भगवती गौरी को अपामार्ग या चिचड़ा , लाल फूल और अगस्त्य प्रिय होते हैं। बाकी सब अप्रिय , निषेद्य हैं।
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