सूर्य और कारोबार रहस्य
सूर्य दुश्मन ग्रहों शुक्र, राहु, केतु या शनि के साथ किसी भी भाव में हो और वर्ष फल में जिस खाना में आएगा उस घर से सम्बंधित वस्तुयों पर बुरा प्रभाव ही डालेगा। Example :- कुंडली में सूर्य-शुक्र पंचम भाव में जब वर्ष फल में दोबारा पाँचवें भाव में आए तो शुक्र की वस्तुयों जैसे चमड़ी रोग, औरत को नुक़सान, इट्टों का भठा को नुक़सान ही देगा।
अकेला सूर्य अगर भाव न 2, 6,7,8, 10, 11, 12 में बेठा हो तो इन ग्रहों के मलिक ग्रहों पर नेक असर कम देगा।
1,5,11 खाने में बेठा जन्म कुंडली या वर्ष फल में हो चाहे दुश्मन ग्रहों के साथ बेठा हो उन को मदद ही देगा। 5,11 में हो तो दुश्मन ग्रह के साथ हो तो दुश्मन ग्रह मदद ही देंगे।
सूर्य लग्न में हो तो धार्मिक नेता, दुकानदारी या कारोबारी तो लोगों से नर्मी से बात करे और नौकरी करे तो नियमो का पूरी तरह से पालन करे। हाकिमी( ऑफ़िसर) गर्मी की दुकानदारी(Shopkeeper or Businessman) नर्मी की अच्छा असर देगी ।
सूर्य कुंडली के खाना न २ और बुध या राहु ८, बुध १० में केतु ९ में हो तो दस्ती काम जैसे बढ़ई , मैकेनिक आदि
सूर्य खाना न ३ में हो तो इल्मे ज्योतिष का कार्य लाभ देगा दिमाग़ी कारोबार या बोल कर करने वाले काम लाभप्रद रेहेंगे
सूर्य खाना न ४ में हो और बृहस्पति खाना न १० में तो शनि से सम्बंधित लोहा और लकड़ी के काम नुक़सान देंगे। दिमाग़ी कारोबार या बोल कर करने वाले काम लाभप्रद रेहेंगे।
सूर्य भाव न ५ में हो और कुंडली में शुक्र-बुध मुश्तरका हों तो हुकमरान, बड़ा अफ़सर बने।
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