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Friday, 17 June 2022

मंगल-बद - मांगलिक  से भी ख़तरनाक हो सकता है।

 लाल किताब के फ़रमान ।

                   मंगल बद मांगलिक दो भाई - खून इकठा होते हैं।

                   बद लड़का है शनि का होता - मांगलिक को भाई  लेते हैं।

                   मांगलिक मारे गर मर्द व औरत - बद उड़ाता है जान ओ जर।

भारतीय ज्योतिष में मांगलिक दोष लोगों के मन में ख़ौफ़, डर पैदा करता है, जिसका बुरा प्रभाव विवाहिक जीवन में ज़्यादा माना जाता है।मगर मंगल बद व्यक्ति की अपनी जान को तो जोखिम में डालता ही है साथ में पत्नी, रिस्तेदारों, धन दौलत, बच्चों के सुख की कमी, भाइयों से नुक़सान,  छोटे और बड़े भाई को नुक़सान पहुँचाए , जिस्मानी और मानसिक सेहत, कारोबार, खुद अपनी बर्बादी  और जिस के साथ रहे उसका भी नुक़सान पहुँचता है। 

 कुण्डली में मंगल बद हो और साथ में यह शर्तें हों तो मंगल का प्रभाव और भी ज़्यादा ख़तरनाक होगा जैसे :-मकान 3, 8, 13, 18 कोने का हो, मकान में तहख़ाना हो, मुख्य दरवाज़ा दक्षिण की तरफ़ हो, घर से बाहर निकलते वक्त दाएँ Right Side और पानी बाएँ Left Side हाथ हो, कीकर या बेरी का पेड़ घर के अन्दर या पिछली दिवार या घर के साथ कटा हुआ पीपल का पेड़ हो, घर के नज़दीक हलवाई की दुकान, घर के साथ क़ब्रिस्तान हो, जिस व्यक्ति की औलाद ना हो उससे ज़मीन से ले कर बनाया मकान, कुएँ पर छत डाल कर बनाया मकान, ऐसा मकान जिस में आकर सीधी हवा लगती हो "T" , जब खाना न 3, 4 या 8 में सूर्य, चन्द्र, या बृहस्पति न हो अगर कुंडली में केतु या शनि का साथ मंगल से हो जाए, बुध केतु इकेठे हों तो मंगल बद ही होता है।हाथ में त्रिकोण, y, आधा त्रिकोण होना।

सूर्य की किरणें अगर मंगल को मिलें  बहादुर, ताकतवर होगा।

                    तख़्त सूरज या किरने उसकी,    पवन पुत्र भी होता है    

                     स्त्री ग्रह जब तीजे आवे     -    औरत भी वाँ मर्द कहलावे। 

                      शुक्र बैल और चन्द्र साधु    -   मर्द बड़ेगे, बड़ेगी आयु ।

मंगल बद मांगलिक न होगा   -   शिवजी हो के दया करेगा।

कुंडली के तीसरे भाव , जो मंगल का पक्का घर है, में अगर शुक्र या चन्द्र  हों तो व्यक्ति का मंगल बद न होगा।जब मंगल को चन्द्र या सूर्य मदद ना करें तो मंगल बद होगा।

 चोथे भाव में मंगल बद होता है। 

                        चोथे मंगल मांगलिक होगा - जला देवे वो समुंदर को ।

      आठवें भाव में मंगल बद हो तो सबसे बुरे प्रभाव मिलेगें। 

                        मंगल  बद है सबसे मंदा -   मंदा जादू मन्त्र है ।

मगल कुंडली के चोथे भाव में  इतना गर्म होगा की पानी में आग लगने की ताक़त रखेगा मगर  जब तीसरे  या आठवें भाव में चन्द्र हो तो  मंगल की गर्मी को ठंडा कर देगा।

शुक्र नोवें भाव में हो तो व्यक्ति का मंगल बद ही होगा।

शुक्र नोवे जब हुआ, कुल मंगल बद ही हो।

सूर्य और शनि इकठे कुंडली के किसी भी भाव में बेठे हो तो मंगल बद होगा।

मंगल कुंडली में तीन क़िस्म का होता है हिरन (बुज़दिल ) ऊँठ, (मध्यम ) चिता (शेर से भी ख़ूँख़ार)।

अपना मकान बनाने के 17 साल बाद मंगल का मँदा असर ख़त्म होगा।


जब भी कुंडली या वर्ष फल में मंगल बद हो रहा हो तो फ़ौरन चन्द्र का उपाय करो यानी बद के पेड़ में दूध डाल कर गीली मिट्टी से तिलक करें जिस से पेट की बीमारियों से भी छुटकारा मिलेगा।अगर ज़्यादा ख़राबी हो तो छत पर चूल्हा या भठी मत रखे।मिट्टी के बर्तन में शहद  भर कर बाहर उजाड़ जगह में दबाये। चिड़ीं- चिड़िया  को मीठा भोजन दे।दक्षिण द्वार में लोहे की किल लगा दें।चाँदी का चकोर टुकड़ा पास रखें, सुबह उठते ही दांत पानी से साफ़ करें।सूर्य ,चन्द्र, बृहस्पति क़ायम करें।हाथी दांत से मदद मिले।

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