ऊर्ध्व रेखा के अच्छे या बुरे फल
धन दौलत है 11 आता, घर तीजे से जाता है।
ऊर्ध्व रेखा हाथ की सीधी लम्बी रेखा जो क़िस्मत,भाग्य, महाभाग्य, सौभाग्य की सूचक मानी जाती है । ऊर्ध्व को इंगलिश में High, Perpendicular, Vertical, Higher Up कहा जाता है। यह रेखा हाथ में हो तो व्यक्ति का भाग्य हमेशा साथ देता है।सीधी रेखा बीच में टूटी न हो तो इसके अच्छे फल सारा जीवन में मिलते ही रहते हैं।जिस व्यक्ति के हाथ में यह रेखा हो वह हमेशा हर दिशा में सफलता प्राप्त करता है।इस बात में भी शक नहीं की मनुष्य के सब कार्य, उन्नति, अवनिति, नाश पहले से ही लिखे होते हैं। तक़दीर, क़िस्मत, और नसीब और भाग्य का सिद्धांत सभी देशों और जातियों में किसी न किसी रूप में माना ही जाता है।कर्म से भाग्य और भाग्य से कर्म बनते हैं।
लाल किताब 1941में पक्का घर न 11 में ऊर्ध रेखा बारे चर्चा की गई है।
ऊर्ध, श्रेष्ट, धन रेखा तो, क़िस्मत का मैदान भी है ।
लालच दुनिया, मकान ख़रीदे, उम्र तादाद औलाद भी है।
ऊर्ध रेखा के अच्छे या बुरे दोनो तरह के फल मिलते हैं।ग्रहों की कुंडली में स्तिथि से ऊर्ध रेखा के अच्छे या बुरे फल मिलेंगे।
बृहस्पति खाना न 3 शनि 4 ऊर्ध रेखा मन्दी जिस से दोस्ती हो उसे ही लूट कर धोखा देकर आप अमीर हो जाए।बृहस्पति १10 शनि 9 ऊर्ध रेखा का साथ तो लूट कर बड़ा आदमी बने किसी पर दया न करे, बृहस्पति-शनि मुस्तरका खाना न 9 में और ऊर्ध रेखा मछली के मुहं से शुरू हो तो ऐसे व्यक्ति की आँख में होशियारी की पूरी ताक़त होगी। लोग तो उसे दुष्ट कहेंगे मगर अपने लिए भागवान दौलतमंद होगा।अपने बाप का भी सगा न होगा और ना ही किसी से हमदर्दी, न दीन का लिहाज़ न धर्म का पालन करने वाला होगा।धन के इलावा किसी से मौहबत ना होगी। जो उससे छुआ वही मुआ, छोटी-छोटी मछलियों को खा कर मगरमच्छ होगा ।मगर उम्र लम्बी होगी।
बृहस्पति ४ ऊर्ध रेखा का साथ तो लोटरी या वज़ीफ़ा का फल उत्तम मिले।
बृहस्पति ७ और बुध, शनि खाना न 2-6-11 या 12 में बेठा हो तो डाकू होगा राहजनी करेगा और अमीर बनेगा मगर औलाद का फल मँदा होता जाएगा।यह हालत 40-45 साल उम्र तक होगी।
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