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Thursday, 23 June 2022

             ऊर्ध्व रेखा के अच्छे या बुरे फल                     

                             धन दौलत है 11 आता,          घर तीजे से जाता है। 

 ऊर्ध्व रेखा हाथ की सीधी लम्बी रेखा जो क़िस्मत,भाग्य, महाभाग्य,  सौभाग्य की सूचक मानी जाती है । ऊर्ध्व को इंगलिश में  High, Perpendicular, Vertical, Higher Up कहा जाता है। यह रेखा हाथ में हो तो व्यक्ति का भाग्य हमेशा साथ देता है।सीधी रेखा बीच में टूटी न हो तो इसके अच्छे फल सारा जीवन में मिलते ही रहते हैं।जिस व्यक्ति के हाथ में यह रेखा हो वह हमेशा हर दिशा में सफलता  प्राप्त करता है।इस बात में भी शक नहीं की  मनुष्य के सब कार्य, उन्नति, अवनिति, नाश पहले से ही लिखे होते हैं। तक़दीर, क़िस्मत, और नसीब और भाग्य का सिद्धांत सभी देशों और जातियों में किसी न किसी रूप में माना ही जाता है।कर्म से भाग्य  और भाग्य से कर्म बनते हैं।

लाल किताब 1941में पक्का घर न 11 में  ऊर्ध रेखा बारे चर्चा की गई है। 

                                 ऊर्ध,  श्रेष्ट, धन रेखा तो,                            क़िस्मत का मैदान भी है ।

                               लालच दुनिया, मकान ख़रीदे,               उम्र तादाद औलाद भी है। 

ऊर्ध रेखा के अच्छे या बुरे दोनो तरह के फल मिलते हैं।ग्रहों की कुंडली में स्तिथि से ऊर्ध रेखा के अच्छे या बुरे फल मिलेंगे। 

बृहस्पति खाना न 3 शनि 4  ऊर्ध रेखा मन्दी जिस से दोस्ती हो उसे ही लूट कर धोखा देकर आप अमीर हो जाए।बृहस्पति १10 शनि 9 ऊर्ध रेखा का साथ तो लूट कर बड़ा आदमी बने किसी पर दया न करे, बृहस्पति-शनि मुस्तरका खाना न 9 में और ऊर्ध रेखा मछली के मुहं से शुरू हो तो ऐसे व्यक्ति की आँख में होशियारी की पूरी ताक़त होगी। लोग तो उसे दुष्ट कहेंगे मगर अपने लिए भागवान दौलतमंद होगा।अपने बाप का भी सगा न होगा और ना ही किसी से हमदर्दी, न दीन का लिहाज़ न धर्म का पालन करने वाला होगा।धन के इलावा किसी से मौहबत ना होगी। जो उससे छुआ वही मुआ,  छोटी-छोटी मछलियों को खा कर मगरमच्छ होगा ।मगर उम्र लम्बी होगी।

बृहस्पति 3 शनि 9 दौलत की कमी ना रहे।

बृहस्पति ४  ऊर्ध रेखा का साथ तो लोटरी  या वज़ीफ़ा का फल उत्तम मिले।

बृहस्पति ७ और बुध, शनि खाना न 2-6-11 या 12 में बेठा हो तो डाकू होगा राहजनी करेगा और अमीर बनेगा मगर औलाद का फल मँदा होता जाएगा।यह हालत 40-45 साल उम्र तक होगी।

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Tuesday, 21 June 2022

लाल किताब अनुसार "आसमानी बिजली" गिरने का ज्योतिषये योग और उपाय?

 आसमानी बिजली( SKY LIGHTNING FALL)  का ग्रहों से क्या है सम्बंध?

किन ग्रहों के कारण आसमानी बिजली का घर पर गिरने का ख़तरा रहता है?

दक्षिण अमेरिका के वेनेज़ुएला में कहते हैं की सब से ज़्यादा आसमानी बिजली गिरने की घटनायें होती हैं मगर पहाड़ी इलाक़ों के अतिरिक्त कहीं पर और कभी भी बिजली गिर सकती है क्योंकि क़ुदरत के खेल को समझना मुश्किल ही नहीं ना मुमकिन भी है।बादलों का आपस में टकराने से बादलों में माजूद पानी और बर्फ़ के कणों में रगड़ होने से बिजली पेदा होती है। लाइट की स्पीड साउंड से ज़्यादा होने के कारण बिजली की चमक पहले दिख जाती है और आवाज़ बाद में आती है। भारत में मानसून के समय बिजली गिरने की संख्या और संभावना बड़ जाती है।बिजली गिरने को रोकना तो सम्भव नहीं मगर बचाव किया जा सकता है।बिजली गिरना नेगेटिव चार्ज के कारण से है यह नेगेटिव चार्ज जब पोस्टिव चार्ज  की तलाश करते कहीं पर भी गिर सकती है।

                 बुध मुबारक टेवे होगा,                  पाप बुरा नहीं करता हो।

                 केतु मंगल हों मिलते उम्दा,                नेक बुढ़ापा बनता हो।

                 दृष्टि रवि पर जब करते,                     मौत भरे दुःख होती हो

                 सलाख़ लोहे की छत पर गढते,              बिजली असर नहीं करती हो 

लाल किताब अनुसार  जिस व्यक्ति की कुंडली में  शुक्र-शनि की युति हो दोनो को सूर्य सातवें से देखे तो शनि का बहुत बुरा असर होगा मौत पुरदर्द  होगी ऐसे व्यक्ति के घर पर आसमानी बिजली गिरने की सम्भावना ज़्यादा होती है।

दोनो लग्न में और सूर्य राहु या केतु खाना न 8 में तो जिस्म में जलती आग की तरह के दुःख और क़िस्मत भी मन्दी।

दोनो ग्रह लग्न में हों, मंगल 4, सूर्य 2 चन्द्र 12 तो आलसीपन , निर्धन, दुखिया, टी बी रोग, सेहत बर्बाद, दुखों का पुतला हो।

दोनो लग्न में और साथ में राहु या केतु बेठा हो  और सातवें भाव मे सूर्य हो  तो शरीर में जलती आग की तरह का दुःख खड़ा, दुखों  का पुतला हो।

दोनो ग्रह खाना न 4 में हो या साथ में सूर्य हो या 10 वे भाव में सूर्य हो तो बुरी मौत मिले दिन की रोशनी में क़त्ल हो जाए 10 में बैठे ग्रह का उपाय करते रहें।जैसे सूर्य 10 तो ताम्बे का  पैसा पानी में बहाते रहें ।

शुक्र-शनि 10 में हों और सूर्य 4 तो बुरे फल नहीं होते।शुक्र-शनि मुस्तरका फल 52 साल उम्र तक इकठा होगा।

दोनो न 7,  चन्द्र 1, सूर्य 4 तो नामर्द वरना बुज़दिल होगा।बाक़ी घरों में अच्छा फल मिलेगा। 

शुक्र और शनि का इकठे तो केतु उच्च का होता है। 

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Friday, 17 June 2022

मंगल-बद - मांगलिक  से भी ख़तरनाक हो सकता है।

 लाल किताब के फ़रमान ।

                   मंगल बद मांगलिक दो भाई - खून इकठा होते हैं।

                   बद लड़का है शनि का होता - मांगलिक को भाई  लेते हैं।

                   मांगलिक मारे गर मर्द व औरत - बद उड़ाता है जान ओ जर।

भारतीय ज्योतिष में मांगलिक दोष लोगों के मन में ख़ौफ़, डर पैदा करता है, जिसका बुरा प्रभाव विवाहिक जीवन में ज़्यादा माना जाता है।मगर मंगल बद व्यक्ति की अपनी जान को तो जोखिम में डालता ही है साथ में पत्नी, रिस्तेदारों, धन दौलत, बच्चों के सुख की कमी, भाइयों से नुक़सान,  छोटे और बड़े भाई को नुक़सान पहुँचाए , जिस्मानी और मानसिक सेहत, कारोबार, खुद अपनी बर्बादी  और जिस के साथ रहे उसका भी नुक़सान पहुँचता है। 

 कुण्डली में मंगल बद हो और साथ में यह शर्तें हों तो मंगल का प्रभाव और भी ज़्यादा ख़तरनाक होगा जैसे :-मकान 3, 8, 13, 18 कोने का हो, मकान में तहख़ाना हो, मुख्य दरवाज़ा दक्षिण की तरफ़ हो, घर से बाहर निकलते वक्त दाएँ Right Side और पानी बाएँ Left Side हाथ हो, कीकर या बेरी का पेड़ घर के अन्दर या पिछली दिवार या घर के साथ कटा हुआ पीपल का पेड़ हो, घर के नज़दीक हलवाई की दुकान, घर के साथ क़ब्रिस्तान हो, जिस व्यक्ति की औलाद ना हो उससे ज़मीन से ले कर बनाया मकान, कुएँ पर छत डाल कर बनाया मकान, ऐसा मकान जिस में आकर सीधी हवा लगती हो "T" , जब खाना न 3, 4 या 8 में सूर्य, चन्द्र, या बृहस्पति न हो अगर कुंडली में केतु या शनि का साथ मंगल से हो जाए, बुध केतु इकेठे हों तो मंगल बद ही होता है।हाथ में त्रिकोण, y, आधा त्रिकोण होना।

सूर्य की किरणें अगर मंगल को मिलें  बहादुर, ताकतवर होगा।

                    तख़्त सूरज या किरने उसकी,    पवन पुत्र भी होता है    

                     स्त्री ग्रह जब तीजे आवे     -    औरत भी वाँ मर्द कहलावे। 

                      शुक्र बैल और चन्द्र साधु    -   मर्द बड़ेगे, बड़ेगी आयु ।

मंगल बद मांगलिक न होगा   -   शिवजी हो के दया करेगा।

कुंडली के तीसरे भाव , जो मंगल का पक्का घर है, में अगर शुक्र या चन्द्र  हों तो व्यक्ति का मंगल बद न होगा।जब मंगल को चन्द्र या सूर्य मदद ना करें तो मंगल बद होगा।

 चोथे भाव में मंगल बद होता है। 

                        चोथे मंगल मांगलिक होगा - जला देवे वो समुंदर को ।

      आठवें भाव में मंगल बद हो तो सबसे बुरे प्रभाव मिलेगें। 

                        मंगल  बद है सबसे मंदा -   मंदा जादू मन्त्र है ।

मगल कुंडली के चोथे भाव में  इतना गर्म होगा की पानी में आग लगने की ताक़त रखेगा मगर  जब तीसरे  या आठवें भाव में चन्द्र हो तो  मंगल की गर्मी को ठंडा कर देगा।

शुक्र नोवें भाव में हो तो व्यक्ति का मंगल बद ही होगा।

शुक्र नोवे जब हुआ, कुल मंगल बद ही हो।

सूर्य और शनि इकठे कुंडली के किसी भी भाव में बेठे हो तो मंगल बद होगा।

मंगल कुंडली में तीन क़िस्म का होता है हिरन (बुज़दिल ) ऊँठ, (मध्यम ) चिता (शेर से भी ख़ूँख़ार)।

अपना मकान बनाने के 17 साल बाद मंगल का मँदा असर ख़त्म होगा।


जब भी कुंडली या वर्ष फल में मंगल बद हो रहा हो तो फ़ौरन चन्द्र का उपाय करो यानी बद के पेड़ में दूध डाल कर गीली मिट्टी से तिलक करें जिस से पेट की बीमारियों से भी छुटकारा मिलेगा।अगर ज़्यादा ख़राबी हो तो छत पर चूल्हा या भठी मत रखे।मिट्टी के बर्तन में शहद  भर कर बाहर उजाड़ जगह में दबाये। चिड़ीं- चिड़िया  को मीठा भोजन दे।दक्षिण द्वार में लोहे की किल लगा दें।चाँदी का चकोर टुकड़ा पास रखें, सुबह उठते ही दांत पानी से साफ़ करें।सूर्य ,चन्द्र, बृहस्पति क़ायम करें।हाथी दांत से मदद मिले।

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Tuesday, 14 June 2022

DOMESTIC VIOLENCE ग्रह क्लेश के कारण और निवारण।

 ग्रहकलेश(DOMESTIC VIOLENCE) से कैसे करें बचाव ?

लाल किताब अनुसार शादी का सुख और ग्रहों का खेल ?

आज कल दुनिया में पति-पत्नी की आपस में अनबन, मार कुटाई आम बात होती जा रही है। WHO के अनुसार दुनिया में 30% औरतें घरेलू अत्याचार का शिकार होतीं है और पति की स्तिथि भी शायद इस से कम न हो। कुंडली में ग्रहों की स्तिथि से जाना जा सकता है की विवाह के बाद घर में लड़ाई झगड़ा, एक दूसरे से अनबन, मार पिटाई, दूसरी औरत या मर्द से नाजायज़ सम्बंध, पराई औरत या मर्द की तरफ़ झुकाव होना इत्यादि। 

सातवें भाव को ग्रहस्थ का कारक भाव माना जाता है और लाल किताब में विवाहिक जीवन में सुख-दुःख ख़ुशी-गमी किन ग्रहों के कारण होता है और किन उपायों से ठीक हालत किए जा सकते हैं।

सूर्य सातवें भाव में अकेला हो तो पराई औरत या मर्द की तरफ़ झुकाव हो सकता है अगर बुध ग्रह साथ हो तो असर में कमी होगी।सूर्य जैसे रंग कि गाय की सेवा से लाभ और ताम्बे के चकोर पतरे वीरानी ज़मीन में दबाए।

चन्द्र सातवें भाव में अकेला लक्ष्मी का अवतार हो मगर माता पर मँदा असर रहेगा। पत्नी या पति का मुँह गोलाई लिए और रंग साफ़ होगा।विवाह सुख को दरिया नदी का पानी या दूध घर में क़ायम करे।

मंगल सातवें भाव में कोई बुरा फल नहीं देता अगर बुध साथ या दृष्टि से मिल रहा हो तो बुरा प्रभाव रेहेगा। बहन की सेवा या मिठाई देते रहना अच्छा फल देगा।

बुध सातवें भाव में अच्छा ही रहेगा अगर चन्द्र साथी ना बन रहा हो।

बृहस्पति सातवें में विवाहिक जीवन में परेशानी पैदा करेगा। औलाद में देरी करे अगर घर में बड़ा पूजा स्थान बना हो।

शुक्र सातवें भाव में अकेला अच्छा फल देगा पर जो ग्रह साथ बेठा हो वैसा ही फल शुक्र देगा।लाल किताब वर्ष फल में जब शुक्र के दुश्मन ग्रह सातवें भाव में आएँ तो घर में कलह क्लेश रहेगा।शुक्र 2,11 में हो तो शरीर में या वीर्य की कमजोरी के कारण तनाव रहे।

शनि सातवें उच्च फल का होता है।शुक्र तीसरे तो सेहत और पिता के लिए मँदा फल मिले और सूर्य चोथे खाना में तो व्यक्ति हिजड़ा बुज़दिल होगा।

राहु सातवें भाव में गृहस्थ पर बुरा असर देगा चन्द्र कि सहायता से लाभ मिलेगा।

केतु सातवें भाव में कोई बुरा असर न देगा जब तक व्यक्ति झूठा वचन न करे।

दो ग्रह मुश्तरका 

सूर्य-शुक्र युति कुंडली के सातवें भाव में हो तो औरत मर्द में झगड़ा ही रहे।  

चन्द्र-शनि युति सप्तम में होने से पति-पत्नी आपस में झगड़े ही रेहेंगे। 

मंगल-शनि इकठे सप्तम में तो मन परेशान ही रहे।  मंगल-बुध युति सप्तम में तो ग्रहस्थ जीवन बर्बाद।

 बुध-शनि सातवें भाव में हों तो विवाहिक सुख में क्लेश ही रहेगा।

तीन ग्रह मुश्तरका 

चन्द्र-शुक्र-बुध इकेट्ठे कुंडली में हों तो 37 साल तक शादी मुबारक न होगी।

शुक्र-बुध-मंगल युति किसी भाव में ही हो औलाद और ग्रहस्थ सुख मंदा ही रहेगा।

सूर्य-शनि-शुक्र इक्कठे किसी भी भाव में तो भर में लड़ाई झगड़ा ही रहे सुख शांति को तरसता जीवन रहे।

राहु-शुक्र-बुध इक्कठे तो शादी कई दफ़ा मगर फिर भी ग्रह क्लेश ख़त्म न हो।

चार ग्रह मुस्तरका  

चन्द्र-शुक्र-बुध-शनि मुस्तरका तो बद फेल या बद किरदार होगा माँ औरत में भेद ना जाने।

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Sunday, 5 June 2022

 सूर्य और कारोबार रहस्य 

सूर्य दुश्मन ग्रहों शुक्र, राहु, केतु या शनि के साथ किसी भी भाव में हो और वर्ष फल में जिस खाना में आएगा उस घर से सम्बंधित वस्तुयों पर बुरा प्रभाव ही डालेगा। Example :- कुंडली में सूर्य-शुक्र पंचम भाव में जब वर्ष फल में दोबारा पाँचवें भाव में आए तो शुक्र की वस्तुयों जैसे चमड़ी रोग, औरत को नुक़सान, इट्टों का भठा को नुक़सान ही देगा।

अकेला सूर्य अगर भाव न  2, 6,7,8, 10, 11, 12 में बेठा हो तो इन ग्रहों  के मलिक ग्रहों  पर  नेक असर कम देगा।

1,5,11 खाने में बेठा जन्म कुंडली या वर्ष फल में हो चाहे दुश्मन ग्रहों के साथ बेठा हो उन को मदद ही देगा। 5,11 में हो तो दुश्मन ग्रह के साथ हो तो दुश्मन ग्रह मदद ही देंगे।

 सूर्य लग्न में हो तो धार्मिक नेता, दुकानदारी या कारोबारी तो लोगों से नर्मी से बात करे और नौकरी करे तो नियमो का पूरी तरह से पालन करे। हाकिमी( ऑफ़िसर) गर्मी की दुकानदारी(Shopkeeper or Businessman) नर्मी की अच्छा असर देगी ।

सूर्य कुंडली के खाना न २ और बुध  या राहु ८, बुध १० में केतु ९ में हो  तो दस्ती काम जैसे बढ़ई , मैकेनिक आदि 

सूर्य खाना न ३ में हो तो इल्मे  ज्योतिष का कार्य लाभ देगा दिमाग़ी कारोबार या बोल कर करने वाले काम लाभप्रद रेहेंगे 

सूर्य खाना न ४ में हो और बृहस्पति खाना न १० में तो शनि से सम्बंधित लोहा और लकड़ी के काम नुक़सान देंगे। दिमाग़ी कारोबार या बोल कर करने वाले काम लाभप्रद रेहेंगे।

सूर्य भाव न ५ में हो और कुंडली में शुक्र-बुध मुश्तरका हों तो हुकमरान, बड़ा अफ़सर बने। 

Thursday, 2 June 2022

और सीलन

दीवारों में सीलन या नमी का ज्योतिष से सम्बंध और उपाय 

 

सीलन या ज़्यादा नमी से कोन से ग्रह बुरा प्रभाव देते हैं ?  घर में सीलन या नमी का व्यक्ति की सेहत पर क्या  प्रभाव पड़ते हैं ? सीलन से किस रोग के होने का अंदेशा रहता है ? क्या राहु सीलन या नमी वाली जगह पर बुरे प्रभाव देने शुरू कर देता है ? 

घर, दुकान या कारख़ाने में सीलन को नज़रअन्दाज़ नहीं करना चाहिए ख़ास कर के अगर सीलन काफ़ी मात्रा में हो तो इसे हल्के में मत लें।इस से घर में रहने वाले व्यक्तियों के शनि (मकान,  क़र्ज़ा ), बृहस्पति ( साँस के रोग जैसे टी बी, फेफड़ों के रोग, खांसी, नज़ला,  जुकाम, दमा) राहु (शरारतें, ज़हमत बीमारी) चन्द्र (पानी की कमी, पेट के रोग, मानसिक परेशानी या डिप्रेशन)  पैसा बचत ना होना, अमीर कितना भी हो सिर पर क़र्ज़ा हमेशा रेहेगा।

सीलन या नमी ज़्यादा होना जाले लगना वास्तु दोष तो है ही  साथ में व्यक्ति के ग्रहों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। व्यक्ति की जन्मपत्री में अगर :-

राहु ग्रह लग्न, पंचम, आठवें, नोवे या बारवें भाव में हो तो बुरा फल मिलता है जिस से व्यक्ति पर मुक़दमा, बीमारी पर पैसा खर्च होता है।राहु सीलन वाली जगह को पसंद करता है और जिस स्थान पर नमी ज़्यादा हो वहाँ राहु बुरे प्रभाव ज़्यादा देगा।

बृहस्पति अगर दसवें भाव में हो या 2,5,9,12 वे भाव में राहु, शनि, शुक्र ग्रह हों तो दमा, टी बी, साँस के रोग तंग करेंगे।

 चन्द्र ग्रह अगर 8,12 वे भाव में या चंद्रमाँ शनि, राहु, केतु की टक्कर, या अचानक चोट दृष्टि हो तो  मानसिक बीमारियाँ डिप्रेशन जैसे रोग होंगे।

शनि ग्रह लग्न, दूसरे भाव, छटे, आठवें खाना में हो और सीलन ज़्यादा हो  तो शनि के बुरे प्रभाव मिलेंगे जिससे मकान बेचने या ख़रीदने में रुकावट , गाड़ियों में जल्दी-जल्दी ख़राबी होना, कारोबार में अड़चने आनी, क़र्ज़ा न उतरना जैसे समस्याओं से जूझना पड़ेगा।

आमतोर पर नमी या सीलन को ख़त्म करने के लिए मकान बनाने  से पहले भूमि परीक्षण करवा लेना चाहिए और नीव में बृहस्पति, चन्द्र, राहु, शनि की वस्तुएँ पूजा करके रखनी चाहिएँ और इन्ही ग्रहों की वस्तुओं का दान भी करना चाहिए। 

ज्योतिष में शोध {Research}के ज़रूरत है जिससे और गहरे रहस्य पता लगेंगे।@daljitastro , Astrology research centre Hoshiarpur ,  janakastro.blogspot.com, astrology TV, WhatsApp 9417355500