कोरोना CORONA VIRUS) कहर और ज्योतिष विश्लेषण करने से पहले यह जानना जरुरी है की किस किस ग्रह के कारण दुनिया पर इस का कहर हुआ। रहस्यमय बीमारयों जो virus or bacteria के कारण फैलती हैं,के बारे में राहु और केतु को मूल कारण मन जाता है। पुरातन कथा के अनुसार राहु वेश बदल कर अमृतपान करने देवताओं के साथ बैठ गया था। Jupiter गुरु को जीवन का कारक भी माना जाता है। जब राहु और केतु का प्रभाव बृहस्पति पर बुरा पड़ेगा तब ही रहस्य मय बीमारयां फैलती हैं। केतु बड़ा ही रहस्यमय(Mysterious) छाया ग्रह है और :
मार्च 2019 को बृहस्पति और केतु की युति गोचर में बनी और इसी से यह संक्रामक रोग फैला।
दिसंबर 2019 को सूर्य ग्रहण और कुछ ग्रह वक्री होने से यह संक्रामक रोग तेज़ी से फैला। ( ग्रहण के बाद आमतौर पर कुदरती आपदा भूकंप , मार काट , महामारी आदि देखने में आती है )
मार्च 2020 को केतु से अलग हो कर बृहस्पति नीच राशि मकर में चला जायेगा जिस से कोरोना कहर से बचाव होना शुरू हो जायेगा।
अप्रैल 2020को सूर्य मेष राशि में जाने से शोध कर्ताओं को इस बीमारी से बचाव की दवाई की खोज में मदद मिलेगी।
राहु आद्रा नक्षत्र में होने से ज्यादा शक्तिशाली होगा मगर इस नक्षत्र के मध्य से (अप्रैल 15,2020) से राहु का असर और ताकत कम होनी शुरू हो जायेगी जिस से इस रोग का प्रकोप ख़त्म होना शुरू होगा।
बचाव के लिए सूर्य को बल दे जिस से राहु और केट का प्रकोप घटेगा। गायत्री मन्त्र ,सूर्य जप और अपने धर्म के देवी देवता के जाप से राहत मिलेगी। इसके साथ सरकार द्वारा दी गईं हिदायतों का सख्ती से पालन करें। किसी भी वास्तु को छूने के बाद साबुन से हाथ धोए। दूसरे लोगों से फासला बनाये रखें। मास्क पहने।
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