जिस कन्या की कुंडली में "विष-कन्या" योग हो उसके पति को कष्ट होता है इसलिए इस योग का उपाय करना ज़रूरी होता है।
विष से भाव ज़हर से है ओर ज़हर शरीर को हमेशा हानि ही करता है।आप ने सुना होगा की ज़हर को ज़हर ही काटता है।
अगर किसी कन्या के यह योग हो तो उस के पति को मृत्यु तुल्य कष्ट होगा ओर किसी कन्या के पति की मृत्यु हो जाए तो कन्या की कुण्डली का विश्लेषण करवा कर यथा सम्भव उपाय करने चाहिएँ।
कैसे बनता है विष कन्या योग?
शनिवार, अश्लेषा नक्षत्र, और द्वितीय तिथि में तीनो जिस दिन मिले उस दिन जन्मी कन्या विष कन्या होती है
मंगलवार विशाखा नक्षत्र और द्वादशी तिथि जिस दिन मिले, उस दिन जन्मी कन्या विष कन्या कहलाती है।
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