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Sunday, 19 July 2020

# लाल किताब अनुसार "पितर ऋण" का ग्रह कौन सा है ?
सूर्य ( जाति ऋण):- सूर्य अगर खाना नम्बर 5 में हो ओर साथ में शुक्र या पापी ग्रह बैठा हो तो नास्तिकता ओर पुराने रस्मों रिवाज का ना मानना ओर निंदा करना इस का कारण होता है।लक्षण या आम निशानी घर में अग्नि कुंड होना या मकान की छत से रोशनी की जगह होगी।
चन्द्र ( माता ऋण) :- चंद्र अगर भाव नम्बर 4 में हो ओर केतु साथ हो माता ऋण बनता  है।कारण होगा माता को दुःख देना, घर से निकाल देना। घर का गंदा पानी कुआँ , नदी, नाले में जाता होगा।
मंगल (रिश्तेदारी का ऋण) मंगल 1, 8 भाव में बुध या केतु साथ बैठा हो तो रिश्तेदारी का  ऋण बनता है।कारण होगा मित्र को धोखा या ज़हर देना, किसी की फसल में आग लगाना, पशु मरवा देना, किसी के मकान में आग लगाना।लक्षण:- रिश्तेदारों से मिलने में नफ़रत करना, त्योहार मनाने में गुरेज़ करना।
बुध(बेटी बहन का ऋण) जब बुध 3,6 में चन्द्र के साथ हो तो यह ऋण बाँटा है।कारण होगा किसी कि बहन या बेटी पर जुल्म करना।चिन्ह:- बच्चों को बेचना या गुमराह करेगा।
बृहस्पति( पिता ऋण) बृहस्पति 2, 5, 9, 12 में हो ओर शुक्र, राहु, बुध साथ में बैठा हो तो बृहस्पति ऋण बनता है।वजह:- कुल परोहित को धोखा देना होगी।लक्ष हमसाय मंदिर, पीपल को तबाह करना।
शुक्र (स्त्री ऋण) जब शुक्र 2,7 में ओर सूर्य, राहु ओर चंद्र साथ हों। वजह बच्चे को पेट में मारना या स्त्री को लालच वंश मार देना।चिन्ह:- घर में दांतों वाले जानवर रखना ओर ख़ानदानी नफ़रत करना।
शनि (जलिमाना ऋण) जब शनि 10,11 भाव में हो ओर साथ में सूर्य, चन्द्र ,मंगल साथ बेठे हों तो शनि ऋण बनता है।वजह शनि से संबंदित वस्तुएँ धोखे से लेना या जीव हत्या करना। चिन्ह:- दक्षिण दरवाज़ा, या लवलद संतान विहीन व्यक्ति से मकान लेना या ली गई जगह पर मकान बनाना।
राहु( उनजन्मे ऋण) जब राहु के साथ  सूर्य, शुक्र ओर मंगल 12 भाव में हों तो राहु पितर ऋण बनता है। ससुराल या रिश्ते दारों को धोखा देना।दरवाज़े की दहलीज़ के नीचे से पानी निकलना।चिन्ह:- दक्षिण दिवार के साथ क़ब्रिस्तान या दाने भुन्ने वाली भट्ठी होना।
केतु( दरगाही ऋण) जब केतु खाना नम्बर 6 में हो ओर चन्द्र, मंगल साथ हों। बदचलनी करना या कुते मरवाना कारण होगा। चिन्ह:- कुत्तों को मरवाना।लालच के कारण किसी का कुल ख़त्म कावा देना।

Thursday, 16 July 2020

# लाल किताब में किन घरों में ग्रह अमूमन  मंदा ओर अमूमन अच्छा होगा ?

प्रत्येक कुंडली में ग्रह का अच्छा या बुरा असर देखने के लिए ग्रह किस भाव में विराजमान है यह देखना ज़रूरी होगा।
ग्रह मुश्तरका, पक्का घर ओर उस ग्रह पर दूसरे ग्रहों का प्रभाव भी देखना होगा। 
यहाँ अमूमन से भाव आम तौर पर ऐसा होगा कोई पक्का मुक़र्रर ना होगा ।


  • बृहस्पति अमूमन 6, 7, 10 ओर 11 भाव में मंदा फल ओर 1-5, 8, 9, 12 में अमूमन अच्छा फल  होगा।
  • सूर्य 6,7,10 भाव में मंदा फल ओर भाव नम्बर 1-5, 8, 9, 11, 12 में मंदा फल होगा।
  • चंद्र 6, 8, 10-12 अमूमन मंदा ओर 1-5, 7, 9, 11, 12 में अच्छा फल।
  • शुक्र अमूमन 1,6 ओर 9 में मंदा ओर 5, 7, 8,10 से 12 अमूमन अच्छा फल।
  • मंगल 4, 8 मंदा ओर 1, 2, 5-7, 9-12 अमूमन अच्छा फल होगा।
  • बुध 3,8 -12 अमूमन मंदा ओर 1,2, 4, 5-7 अमूमन अच्छा फल।
  • शनि 1, 4-6 मंदा ओर 3, 7-12 अमूमन अच्छा फल देगा।
  • राहु 1, 5, 7-12 अमूमन मंदा ओर 3,4,6 अच्छा फल होगा।
  • केतु 3-6, 8 मंदा ओर 1, 2, 7, 9-12 अमूमन अच्छा फल होगा।

ज्योतिष रीसर्च सेंटर, होशियारपुर 

Wednesday, 15 July 2020

#विष कन्या योग क्या होता है?



जिस कन्या की कुंडली में "विष-कन्या" योग हो उसके पति को कष्ट होता है इसलिए इस योग का उपाय करना ज़रूरी होता है।
विष से भाव ज़हर से है ओर ज़हर शरीर को हमेशा हानि ही करता है।आप ने सुना होगा की ज़हर को ज़हर ही काटता है।
अगर किसी कन्या के यह योग हो तो उस के पति को मृत्यु तुल्य कष्ट होगा ओर किसी कन्या के पति की मृत्यु हो जाए तो कन्या की कुण्डली का विश्लेषण करवा कर यथा सम्भव उपाय करने चाहिएँ।
कैसे बनता है विष कन्या योग?
शनिवार, अश्लेषा नक्षत्र, और द्वितीय तिथि में तीनो जिस दिन मिले उस दिन जन्मी कन्या विष कन्या होती है 
मंगलवार विशाखा नक्षत्र और द्वादशी तिथि जिस दिन मिले, उस दिन जन्मी कन्या विष कन्या कहलाती है।
अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क Whatsapp 9417355500

#"अग्नि का वास "जान कर ही करें हवन।नहीं तो होगा फ़ायदा की जगह नुक़सान*


जिस दिन आपने होम करना हो उस दिन की तिथि ओर वार ( रविवार 1, सोमवार 2, मंगलवार 3, बुधवार 4 गुरुवार 5, शुक्रवार 6, शनिवार 7) को जोड़ कर 1 जमा कर दें फिर इस संख्या को 4 से भाग दें अगर:
 शेष 0 बचे तो अग्नि का वास पृथ्वी पर जाने।
शेष 1 बचे तो निवास आकाश पर जाने।
शेष 2 बचे तो अग्नि का वास पाताल में जाने।
शेष 3 बचे तो अग्नि का वास पृथ्वी पर जाने।
पृथ्वी पर वास यानी 0 ओर 3 बचे तो हवन करना शुभ होगा। आकाश में वास तो प्राणो को हानि होगी। पाताल में वास हो तो धन का होगा नाश।
इसलिए जब अग्नि का वास पृथ्वी पर हो तभी हवन करना शुभ होगा।

Saturday, 11 July 2020

#दान सोच समझ कर करें # लाल किताब में वर्जित दान।


बृहस्पति 7 में हो तो साधु या पुजारी को वस्त्र दान मत करें नहीं तो औलाद पर बुरा प्रभाव होगा।
चंद्रमा 12 भाव में हो धर्मोपदेश देने वाले को मुफ़्त रोटी का दान या पाठशाला में मुफ़्त पुस्तक देने की मनाही की गई है नहीं तो ऐसा व्यक्ति आप पानी को भी तरसेगा।
शुक्र 9 भाव में हो तो यतीम बच्चों को पड़ाई का वज़ीफ़ा देना या पुस्तक व पड़ाई के लिए पेसा देना व्यक्ति की आर्थिक हालत मंदा करेगा।
बृहस्पति 10 ओर चन्द्र 4 में हो तो धर्म स्थान को बनाए या बनाने के लिए पेसा दे तो झूठी तोहमत लगे।
शनि 8 वाला धर्म शाला या ऐसे मकान बनवाये जिस में मुसाफ़िर मुफ़्त आकर रहें तो आप बेघर हो जाए।
शनि 1 में ओर बृहस्पति 5 में हो तो फ़क़ीर या माँगने वाले को ताम्बे का पेसा या वस्तु मत दे नहीं तो अशुभ हो।
चंद्रमा 6 में हो तो पानी के स्रोत लगाए जिस में लोगों को मुफ़्त पानी मिले तो अपने लिए अशुभ हो।
ख़ास नियम :-उच्च के ग्रह का दान देना ओर नीच के ग्रह की वस्तुयें मुफ़्त में लेना मंदा फल देंगी।
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#पड़ोसी से अच्छे या बुरे सम्बन्ध कुंडली के 12 वे भाव से देखे जाते है।


 #दिमाग़ में अचानक पैदा होने वाले विचारों का सम्बन्ध कुंडली के 12 वे भाव से होता है।जौ विचार हम ने कभी सोचे भी नहीं होते वो अचानक मन में पैदा हो जाते हैं।यह इसी घर में बेठे ग्रहों से अंदाज़ा लगता है।
12वे  घर में बेठे ग्रहों से पता लगता है कि व्यक्ति अपने भाग्य के अनुसार कितने दुःख या सुख भोगेगा,
कितना आराम या बेआरामी पाएगा।
इस घर में अच्छे ग्रह बेठे हों तो व्यक्ति  जिस को आशीर्वाद दे तो वह पूरा होने की सम्भावना होती है।
किसी को श्राप भी दे दे तो वह भी पूरा होने की सम्भावना बन जाती है।
गुरु इस घर में हो तो व्यक्ति को पाठ- पूजा से बहुत लाभ मिलता है ओर मोक्ष की प्राप्ति हो सकता है।
पड़ोसी के साथ सम्बन्ध भी इसी भाव से देखे जाते हैं।इस भाव में शनि या राहु हो तो पड़ोसी के साथ सम्बन्ध अच्छे नहीं रहते।
वेदिक ज्योतिष में इस घर को खर्चे का घर कहा गया है की कितना खर्च व्यक्ति का होगा।
रात्रि को सुख की नींद सोना या नींद ना आना (insomnia) भी इसी भाव से देखा जाता है।
बुध ग्रह 12 वे भाव में बहुत मंदा फल देता है। फ़ौलाद का बेजोड़ छल्ला धारण करने से मंदा असर कम होगा।
चन्द्र इस घर में रात की नींद ख़राब, वर्षा पानी वाला उपाय सहायक होगा।
अस्ट्रॉलॉजी रीसर्च सेंटर होशियारपुर 9417355500

Thursday, 9 July 2020

ग्यारहवाँ घर व्यक्ति के "लालच" का प्रतीक होता है।

ग्यारहवाँ घर व्यक्ति के  अंत:करण में किस हद तक "लालच " हो सकता है ओर किस तरह से दूसरों से लाभ ले सकता है बग़ैर दूसरों की परवाह किए, इस बात का प्रतीक होता है।
मकान के बाहरी हिस्से की शोभा भी देखी जा सकती है।
जिस्मानी ताक़त भी 11भाव से भी देखी जा सकती है।
अगर चंद्र या शुक्र इस भाव में हो तो वीर्य की कमजोरी दर्शाता है।
75 साल के बाद आयु का हिस्सा भी इसी भाव से देखा जाता है।
भाग्ये की ऊँचाई या किस कदर भाग्य व्यक्ति का साथ देगा इसी भाव से देखा जाता है।
यह घर आमदन का घर भी है।माता पिता की आर्थिक हालत भी इसी भाव से देखे जाते हैं।अगर अच्छे ग्रह यहाँ हों तो माता-पिता के आर्थिक हालत भी जन्म के समय ठीक होंगे।
व्यक्ति आस्तिक या नास्तिक होगा भी इस भाव से जाना जा सकता है।
शनि इस घर का कारक ग्रह है ओर किसी हद तक बृहस्पति का भी इस घर से संबंध होता है।
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Tuesday, 7 July 2020

#दसवाँ घर "लोगों के साथ हमारा क्या सलूक होगा"दर्शाता है।


लाल किताब में दसवे भाव से दूसरे लोगों के साथ हमारा क्या सलूक होगा इस के बारे में पता चलता है।
यह घर वास्तव में क़र्मक्षेत्र  होता है। रोज़गार, व्यापार, नौकरी के बारे में इस घर से जाना जा सकता है।
इस घर में विराजमान ग्रह से इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि साथ कार्य करने वाले लोगों के साथ आप का व्यवहार केस होगा।
सेहत सम्बन्ध में" काली खांसी" इस भाव से देखी जाती है अगर पापी ग्रह इस घर में बेठे हों।
यह घर व्यक्ति के स्वभाव में चालाकी, होशियारी, दूसरों को धोखा देने बारे में बतलाता है।
इस घर का कारक ग्रह शनि है इसीलिए कीकर या बाबुल वृक्ष ओर काँटे दार पेड़ इसी घर से सम्बन्ध रखते हैं।
दसवें घर में शनि ग्रह फल का ओर बुध व केतु राशिफल के हैं।
मंगल इस घर में उच्च का होता है। अगर शनि इस घर में हो तो व्यक्ति को कार्य हमेशा चौकन्ना हो कर करना चाहिए। विस्तृत कुंडली विश्लेषण के लिए सम्पर्क 9417355500





Monday, 6 July 2020

#छटे भाव को लाल किताब में "पाताल का घर" कहते हैं।

ज्योतिष में छटे भाव से रोग ओर शत्रु भी देखे जाते हैं । लाल किताब में इस भाव से घर में तहख़ाना का सम्बन्ध, सूद पर पेसा देना, शरीर के अंदर कितनी गर्मी-सर्दी या खुश्की की मात्रा को भी इसी घर से देखा जाता है।
इस घर को बच्चों के रिस्तेदारों से भी होता है।छटे घर से रिस्तेदारों के धन के हालत का ज्ञान मिलता है।
फूलों ओर साग सब्ज़ी से इस घर का गहरा सम्बन्ध है। इस घर में सोम्य ग्रह हों तो पता लगता है की नाना ओर भांजे का घर अच्छी हालत का होगा।
सूर्य छटे भाव में हो तो जातक बहस बाज़ी करने वाला होता है ओर इस ग़लत आदत से जातक को बचना चाहिए।
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#लाल किताब में सातवाँ भाव को "मैदानी  दुनिया" कहा गया है।

पिछले जन्म में कितने पुण्य किए ओर उन पुण्यों का कितना अंश इस जन्म में साथ लेकर आएँ हैं।इस का ज्ञान भी इसी घर से होता है।
इस घर का सम्बन्ध शुक्र के साथ होने से चमड़ी के साथ भी है।अगर शुक्र यहाँ दूषित हो तो चमड़ी के रोग होने की सम्भावना रहती है।
यह घर दक्षिण-पश्चिम  दिशा को दर्शाता है। यदि इस घर में कोई शुभ ग्रह हो तो ऐसे व्यक्ति के लिए  दक्षिण-पश्चिम दिशा का मकान शुभ फल देगा।
सातवें भाव में शनि उच्च राशि का ओर सूर्य नीच राशि का फल देगा।
सूर्य 7 भाव में हो तो बदनामी मिलती है।
# 9417355500

Sunday, 5 July 2020

रत्नो के चमत्कार
लग्न का रत्न धारण करने से शरीर की रक्षा होती है।
पंचम भाव का रत्न धारण करने से पड़ाई ओर बच्चों से लाभ होता है।
नवम भाव का रत्न धारण करने से भाग्य उदय होता है।
योग कारक ग्रह का रत्न धारण करने से जातक का कल्याण होता है।
हमेशा दो रत्न एक ठंडा ओर दूसरा गर्म तासीर का पहनना चाहिए।
दूषित रत्न धारण करने से अच्छा है कोई भी रत्न मत धारण करें।
#पंचम भाव से देखी जाती है ईमानदारी भी।

लाल किताब अनुसार पंचम भाव औलाद, विद्या, मानसिक चेतनता की मात्रा, मन में कितनी ईमानदारी, लोगों के मन में आपके प्रति सम्मान, औलाद का मकान कैसा होगा, आध्यात्मिक प्रगति का संबंध भी इसी घर से जुड़ा है। 
व्यक्ति के भाग्य की चमक कितनी होगी यह भी पंचम भाव से देखा जाता है।
सूर्य ओर बृहस्पति इस घर में ग्रह फल के होंगे इसलिय इन का सीधा उपाय नहीं किया जा सकता किसी ओर ग्रह का सहारा लेना पड़ेगा।
पंचम में सूर्य-बुध की युति हो तो घर में पड़ी पुरानी धार्मिक पुस्तकें अगर हो तो उनको पड़ना शुरू कर देना चाहिए नहीं तो बरकत में रुकावट आएगी।
सूर्य पंचम में हो तो ऐसा बच्चा पिता के कामों से संतुष्ट ना होगा।
पंचम भाव में सोम्य ग्रह हों तो मनुष्य बुराई करते हुए डरता है।
व्यक्तिगत कुंडली विश्लेषण के लिए सम्पर्क Whatsapp 9417355500

#लाल किताब में जन्मपत्री कै चोथे घर यानी सुख भाव बारे संक्षिप्त फल।

  • कुण्डली के चोथे भाव को लाल किताब में चंद्रमा का घर कहा गया है। चंद्र इस घर मै उच्च का होता है।
  • चोथे भाव में चन्द्र ओर बृहस्पति होना शुभ फल दायक ही होता है।
  • माता पिता से क्या प्राप्त होगा ओर उनके साथ सम्बन्ध कैसे रेहेंगे? इस भाव से ही देखा जाता है।
  • मानसिक शांति का सम्बन्ध भी इसी घर से देखा जाता है।
  • चोथे घर से उम्र का दूसरा हिस्सा 25-50 साल की आयु तक का फल भी देखा जाता है।
  • दिशा के बारे में यह घर पूर्व-उत्तर दिशा का सूचक है।
  • चोथे घर में शुभ ग्रह हों तो कपड़े सम्बन्धी कार्य लैब देते हैं।
  • चोथे भाव में अशुभ ग्रह माता की मानसिक ओर शारीरिक सेहत को ख़राब करते हैं।
  • यहाँ पर शुभ ग्रह हों तो जिन फलों में रस होता है ऐसे पोधे लगाने से लाभ होता है।फलदार पोधों से भाव 
  • आम, तरबूज़, अंगूर इत्यादि।
  • यदि स्त्री की कुंडली में चोथे भाव में अशुभ ग्रह हों तो बच्चा होने के वक्त या गर्भावस्था में बुरा प्रभाव पड़ेगा।
  • चोथे भाव में चंद्रमा हो तो रात्रि मैं किए कार्य शुभ फल देते हैं।

Saturday, 4 July 2020

कुण्डली के तीसरे भाव से घर में सुख -सुविधा के सामान बारे ज्ञान मिलता है

कुण्डली के तीसरे भाव का सम्बन्ध  मकान के अंदर रखे  सुख सुविधा ओर आराम के सामान से भी है।
तीसरे भाव में शुभ ग्रह होने से व्यक्ति के घर में आराम का सामान काफ़ी मात्रा में होता है मगर शर्त यह है की  उन ग्रहों पर पापी ग्रहों का प्रभाव नहीं होना चाहिए।
तीसरे भाव में अगर अशुभ ग्रह हों तो घर में आराम के साधनों में कमी आ जाती है।
तीसरे भाव से सम्बन्ध घर में रखे हथियारों जैसे तलवार, पिस्तोल आदि।
तीसरे भाव में शुभ ग्रह होने से तेज धार ओर टूटे  हथियारों को घर में मत रखें।
यहाँ शुभ ग्रह होने से घर में फलों वाले पेड़ शुभ फल दायक होते हैं।
तीसरे भाव में अशुभ ग्रह हों तो फलदार पोधे  लगाने अशुभ फल ही देंगे।