Translate

Saturday, 4 May 2019

ज्योतिष और पूर्व जन्म

ज्योतिष में व्यय भाव , कुण्डली में 12 वा स्थान माना जाता है, जिससे पूर्वजन्म के बारे में ज्ञान हासिल होता है। 12 वे भाव में क्या राशि है और उसमे क्या ग्रह बैठे हैं ? इससे पिछले जन्म में हम क्या थे, बारे में पता चलता है।  पश्चिमी ज्योतिषयों के मत अनुसार जो लोग पूर्वजन्म को मानते है , कुण्डली के 12 वे भाव से अपना पूर्वजन्म जान सकते है। अपने कर्मो का फल जानना हो जातक के 12 भाव को देखना चाहिए। इस जन्म में पिछले जन्म के किए कर्मो का फल भुगतना पड़ता है।  इस जन्म में आने वाले संकट पूर्वजन्म के कर्मो का फल होता है इसे सत्ये जाने। यहाँ पर मेष से कन्या राशि तक लिखा जा रहा है यानि वृष लग्न से तुला लग्न तक। 

अगर कुण्डली के 12 वे भाव में मेष राशि हो तो जातक पिछले जन्म में अपने व्यव्हार में बहुत मतलबी था , किसी की मदद नहीं करता था , उसे अपने कर्मो का फल भुगतना पड़ेगा ,दर्द तकलीफों का सामना करना पड़ेगा। अगर कुण्डली के 12 वे भाव में वृष  राशि हो तो जातक पिछले जन्म में जातक लालची और कंजूस सवभाव का होगा मगर इस जन्म में जातक आध्यात्मिक होगा। अगर कुण्डली के 12 वे भाव में मिथुन राशि हो तो जातक पिछले जन्म में  समाज की भलाई के लिए कोई कार्य नहीं किया होता। अगर कुण्डली के 12 वे भाव में कर्क  राशि हो तो जातक पिछले जन्म में  अपने परिवार का वफादार नहीं होता इसलिए इस जन्म में उसे परिवार से वफादारी कम मिलती है। पैसे की कमी नहीं होती मगर संतान से सुख नहीं मिलता। अगर कुण्डली के 12 वे भाव में सिंह  राशि हो तो जातक पिछले जन्म में अपने शारीरक सुखो में डूबा रहता है जिससे इस जन्म में उसे ज्यादा शारारिक मेहनत ज्यादा करनी पड़ती है। अगर कुण्डली के 12 वे भाव में कन्या  राशि हो तो जातक पिछले जन्म में जातक निंदा चुगली करने का आदि था इसलिए इस जन्म में उसकी अंतरात्मा उसे कचोटती रहेगी। Contact for paid analysis of horoscope +919417355500

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.