ज्योतिष में शेयर बाजार से लाभ या हानि को देखने के लिए जन्मपत्री के धन भाव(Money), सुत भाव(Share market, lottery), अष्ठम(Sudden gain or loss) एकादश(Profit) और द्वादश(Expenditure) और बुध, सूर्य, राहु, चंद्र और दशमांश से विचार किया जाना चाहिए।चन्द्र ग्रह अगर कुण्डली में कमजोर हो या कृष्ण-पक्ष का जन्म हो तो शेयर मार्किट से ज्यादा लाभ नहीं होता। जन्मपत्री और वर्षफल में अगर 2, 7, 11 वे भाव का स्वामी त्रिक भावों 6, 8, 12 में हो तो लाभ की जगह हानि की सम्भावना ज्यादा होगी।
जन्मपत्री में 2 , 5 और 11 भाव का आपस में सम्बन्ध हो तो शेयर बाजार से लाभ हो सकता है।
2 और 5 वे भाव के स्वामी आपस में राशि परिवर्तन करें तो भी शेयर बाजार से लाभ होता देखा जाता है।
भारत की आजादी 15 अगस्त 1947 को हुई थी। आजादी के वक्त की कुंडली में वृष लग्न था और लग्न में राहु, सप्तम में केतु, धन भाव में मिथुन का मंगल, पराक्रम भाव में सूर्य,चंद्र,शुक्र,शनि, बुध पांच ग्रह और छटे घर में गुरु विराजमान हैं।
राहु 23 सितम्बर 2020 से मिथुन राशि से वृष में आयेगा। आज भारत वर्ष की कुण्डली में धन भाव में बैठा है जिससे शेयर बाजार में गिरावट रहेगी तथा वृष राशि में होने से उतार-चढ़ाव होते रहेंगे।
राहु जब भारत वर्ष कुण्डली में 12 वे स्थान पर आये तो भी शेयर बाजार में मजबूती नहीं आएगी। सोच समझ कर निवेश करें।
राहु गोचर में 30 अक्टूबर 2023 को मीन में आने पर भारत वर्ष की कुण्डली में आने से निवेशकों को कुछ लाभ होना शुरू होगा।
राहु ग्रह मिथुन और वृष राशि में होए से E,U, A, O, V, K, H, R,S, T अक्षर से शुरू नाम की कंपनियों में निवेश करने से लाभ होगा।जिन देशों के नाम का पहला अक्षर इन नामों से शुरू होता है वहाँ इतनी गिरावट नहीं होगी।
यह ज्योतिषीय गणना है इसलिए निवेश करने से पहले अपनी जन्मपत्री किसी ज्योतिषी को दिखा कर परामर्श कर लें।