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Monday, 20 April 2020

पर्वत योग
जन्मपत्री में जब सप्तम और अष्ठम में कोई ग्रह न हो और लग्नेश, व्ययेश केंद्र भाव में हों तो व्यक्ति अनुभवी राजनेता या उच्च पदवी प्राप्त करता है। 

Thursday, 9 April 2020

कब होगा अन्त कोरोना का कहर ? ज्योतिष विश्लेषण

अगर ख़बरों की माने तो कोरोना वायरस का पहला मरीज नवम्बर 17, 2019 को चीन के वुहान शहर में मिला था। इस दिन की कुण्डली में धनु लग्न और मिथुन राशि थी लग्न में ब्रहस्पति-शनि-प्लूटो की युति और सप्तम में चन्द्रमा-राहु की युति यानि ग्रहण। मंगल-बुध एकादश भाव में और सूर्य-शुक्र बारवें भाव में विराजमान है।इस कुण्डली में तक्षक नामक  कालसर्प योग बन रहा है। धनु लग्न की कुंडली में धन भाव, सप्तम और अष्टम के स्वामी शनि, बुध और चन्द्र ग्रह मारक प्रभाव भी देते हैं। केन्द्र में गुरु केन्द्राधिपति दोष से ग्रसित है।
28 नवम्बर 2019 तक  ब्रहस्पति-बुध-चन्द्र दशा चल रही थी सप्तम और अष्ठम इस कुण्डली में मारक ग्रह हैं।
15 जनवरी 2020 तक ब्रहस्पति-बुध-मंगल प्रत्यंतर दशा मंगल व्यय भाव और अग्नि का स्वामी इस लिए प्रभाव तेजी से शुरू हुआ।
 18 मई 2020 तक ब्रहस्पति-बुध-राहु  प्रत्यंतर दशा में प्रभाव ज्यादा रहे।
इस दशा के बाद स्थिति सामान्य होगी क्योंकि ब्रहस्पति-बुध- ब्रहस्पति प्रत्यंतर दशा में प्रभाव खत्म होना शुरू होगा। 

Saturday, 4 April 2020

प्रात:काल अपनी हथेलिओं का तीन बार दर्शन क्यों पुण्यदायक माना जाता है ?

सामुंद्रिकशास्त्र में वर्णन है की प्रात:काल अपनी हथेलिओं का दर्शन पुण्यदायक, मंगलप्रद, तथा कई तीर्थों के दर्शन सामान है। सुबह अपनी दोनों हथेलिओं  मातृरेखा, पितृरेखा, और आयुरेखा क्रमश गंगा, यमुना और सरस्वती त्रिवेणी दर्शन हो जाता है। इसलिए सुबहे उठकर बिस्तर पर ही हथेलिओं को तीन बार चूमे जिससे पितृरेखा के स्वामी ब्रह्मा, मातृरेखा के स्वामी विष्णु, आयुरेखा के स्वामी शिव है।हाथ की चारों दिशाओं को इन्द्र, यम, वरुण, कुबेर का प्रतीक माना गया है। सुबह दिन का पहला काम जब सब देवताओं को अपनी हथेलिओं पर देखना और चूमना होता है तो सा देवता खुश हो कर आशीर्वाद देतें हैं।  

Thursday, 2 April 2020

ज्योतिष और भारतीय शेयर बाजार 2020-21

ज्योतिष में शेयर बाजार से  लाभ या हानि को देखने के लिए जन्मपत्री के धन भाव(Money), सुत भाव(Share market, lottery), अष्ठम(Sudden gain or loss) एकादश(Profit) और द्वादश(Expenditure) और बुध, सूर्य, राहु, चंद्र और दशमांश से विचार किया जाना चाहिए।चन्द्र ग्रह अगर कुण्डली में कमजोर हो या कृष्ण-पक्ष का जन्म हो तो शेयर मार्किट से ज्यादा लाभ नहीं होता। जन्मपत्री और वर्षफल में अगर 2, 7, 11 वे  भाव का स्वामी त्रिक भावों 6, 8, 12 में हो तो लाभ की जगह हानि की सम्भावना ज्यादा होगी। 
जन्मपत्री में 2 , 5 और 11 भाव का आपस में सम्बन्ध हो तो शेयर बाजार से लाभ हो सकता है। 
2 और 5 वे भाव के स्वामी आपस में राशि परिवर्तन करें तो भी शेयर बाजार से लाभ होता देखा जाता है। 
भारत की आजादी 15 अगस्त 1947 को हुई थी।  आजादी के वक्त की कुंडली में वृष लग्न था और लग्न में राहु, सप्तम में केतु, धन भाव में मिथुन का मंगल, पराक्रम भाव में सूर्य,चंद्र,शुक्र,शनि, बुध पांच ग्रह और छटे घर में गुरु विराजमान हैं। 
राहु 23 सितम्बर  2020 से मिथुन राशि से वृष में आयेगा। आज भारत वर्ष की कुण्डली में धन भाव में बैठा है जिससे शेयर बाजार में गिरावट रहेगी तथा वृष राशि में होने से उतार-चढ़ाव होते रहेंगे। 
राहु जब भारत वर्ष कुण्डली में 12 वे स्थान पर आये तो भी शेयर बाजार में मजबूती नहीं आएगी। सोच समझ कर निवेश करें। 
राहु गोचर में 30 अक्टूबर 2023 को मीन में आने पर भारत वर्ष की कुण्डली में आने से निवेशकों को कुछ लाभ होना शुरू होगा। 
राहु ग्रह मिथुन और वृष राशि में होए से E,U, A, O, V, K, H, R,S, T अक्षर से शुरू नाम की कंपनियों में निवेश करने से लाभ होगा।जिन देशों के नाम का पहला अक्षर इन नामों से शुरू होता है वहाँ इतनी गिरावट नहीं होगी। 
यह ज्योतिषीय गणना है इसलिए निवेश करने से पहले अपनी जन्मपत्री  किसी ज्योतिषी को दिखा कर परामर्श कर लें।