ग्रह योग और आध्यात्मिक जीवन
जन्म पत्री में दशम भाव में बुध या मंगल मीन राशि में हो तो व्यक्ति प्रभु कृपा से पवित्र जीवन व्यतीत करता है। दशमाधिपति नवम भाव में हो और बलि नवमेश गुरु और शुक्र ग्रह से दृष्ट हो या युत हो तो जातक प्रभु कृपा प्राप्त करता है। यदि लग्नेश दशम भाव में और दशमेश नवम स्थान में शुभ ग्रहों से दृष्ट हो तो ऐसे जातक को भगवान कृपा प्राप्त हो जाती है।
जन्म कुण्डली में शनि और मंगल के अन्तर्गत सभी ग्रह हों तो ऐसा व्यक्ति भगवान कृपा के साथ विश्वमें ख्याति भी अर्जित करता है।
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