ग्रहों के गोचर से जाने किस समय क्या होगा घटित ?
गोचर फल का अध्ययन ग्रहो की वर्तमान चाल को चन्द्रमा राशि या लग्न से करना होता है। चन्द्र के गोचर से दिन और सूर्य के गोचर से महीने के गोचर के फल को ज्ञात किया जाता है। गुरु के गोचर से एक वर्ष और शनि के गोचर से दो वर्ष छ महीने के फलित का विचार किया जाता है।
चन्द्रमा(Moon Sign) राशि से अलग अलग भाव में गोचर के फल मिलते है।
चन्द्र राशि से गोचर में सूर्ये (Sun)का फल : 1,2,5,8,9,12 भाव में सूर्ये अशुभ फल देता है जैसे हानि, मुकदमा हारना ,आँखों में पीड़ा और रोगों में वृद्धि । 3,6,10, 11 में शुभ फल मिलते है।5 वे भाव में सब से अशुभ फल देता है।
चन्द्र राशि से गोचर में चन्द्र(Moon) का फल: 2,4,5,8,9,12 में अशुभ फल प्राप्त होते है, मानसिक कष्ट, माता को कष्ट , अधिक व्यय और 8 में सब से ज्यादा अशुभ फल मिलते है।1,3,6,7,10,11 भाव में शुभ फल मिलते है।
चन्द्र राशि से गोचर में मंगल(Mars) का फल: 1,2,4,5,8,9,10,12 में अशुभ फल मिलेंगे जैसे दुःख,कष्ट,विवाद , रोग,दुर्घटना। 7 वे भाव में सबसे ज्यादा कष्ट होते है। 3 , 6 , 11 में शुभ फलदायक होता है।
चन्द्र राशि से गोचर में बुध(Mercury) का फल: बुध गोचर 1,3,4,5,7,9,12 में अशुभ होता है जैसे डिप्रेशन , मानसिक रोग , व्यापार में घाटा , वाणी दोष होते है और सबसे ज्यादा अशुभ फल गोचर में चन्द्र राशि से 2रे भाव में होता है।6,8,10,11 में शुभफल कारक होता है।
गुरु(Jupiter) चन्द्रमा राशि से 1,3 ,4,6,10 में अशुभ फल देता है जाइए विद्या में रुकावट, मान हानि , भय चिंता , मंदी यात्रा और मनोभाल की हानि होती है। 2,5,6,7,9,11 शुभ फल देता है।
शुक्र 6 , 7 ,10 गोचर भाव में अशुभ फल देगा जिसे जातक को गुप्त रोग होंगे , पति पत्नी में अविश्वास , तलाक , औरतों द्वारा कष्ट ,कर्जा , चमड़ी के रोग होते है। 1,2,3,4,5,9,11,12में शुभ फल देता है।
शनि 1,2,4,5,9,12 में अशुभ फल देता है। कर्जा , ज्यादा व्यय कम आमदन , मानसिक व् शारीरक कष्ट। 3,6,11 में लाभ होता है।
राहु और केतु 1,2,4,5,7,8,10,12 में अशुभ जिससे कष्ट,ओपरा असर , दुर्भाग्य , कोर्ट कचहरी के चक्कर ,लड़ाई , वाद विवाद और व्यपार में घाटा होता है। 3 ,6 ,11 में शुभ फल देता है।
गोचर से सटीक फलित किया जा सकता है। मगर साथ में वेध देखना भी जरुरी है।
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