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Thursday, 27 June 2019

मोटापा कम करने के लिए ज्योतिषये उपाय

मोटापा(OVER WEIGHT)कम करने के लिए ज्योतिषये उपायों को अपनाते हुऐ अगर अपने खानपान का ख्याल रखते हुए और साथ में नियम से शारीरिक कसरत की जाए तो शीघ्र लाभ मिल सकता है। मोटापा कई कारणों से होता है जैसे पुरखों की शारीरिक बनावट, खानपान, सुस्ती या शारीरिक कार्य न करना और मुख्य कारण जन्म के समय ग्रहों की स्थिति होता है। 
जलतत्व राशि कर्क, वृश्चिक और मीन में पैदा हुए व्यक्ति ज्यादातर मोटापे का शिकार होते है। 
जलतत्व राशि में जन्मे लोगों की जन्म कुण्डली में अगर शुक्र, चन्द्र, गुरु भी कर्क , वृश्चिक और मीन राशि में सिथत हों तो यह मोटापा का कारण बनते हैं।  
धन भाव का स्वामी अगर कुण्डली में पापी ग्रहों द्वारा दृस्ट हो तो व्यक्ति का खानपान ठीक नहीं होता। 
शनि अगर लग्न का स्वामी हो तो शरीर में सुस्ती लाता है , कार्य क्षमता में कमी आती है जिस से मोटापा बढ़ता है। 
  • मेष राशि अग्नि तत्व की राशि हे जिस में जन्मे लोगों का मेटाबोलिज्म तेज होने के कारण मोटापा नहीं होता। 
  • वृख राशि का स्वामी शुक्र होता है और इस राशि में जन्मे लोग मीठा खाने के शौकीन होते है जिस से मोटापा बढ़ता है। 
  • मिथुन राशि में जन्मे लोग वायु राशि के होने से मोटापे के ज्यादा जल्दी शिकार नहीं होते क्युकि इन में कैलोरीज़ को जलाने की तेज क्षमता होती है। 
  • कर्क राशि जलतत्व होने के कारण इस राशि में जन्मे लोग जल्दी मोटापे के शिकार बनते है। 
  • सिंह राशि सूर्य की राशि होने से इस में जन्मे लोग मोटापे के शिकार नहीं होते। 
  • कन्या राशि बुध की होने इस में जन्म लेने वाले लोग सोच समझ कर खाते हे जिस कारण मोटापे से बचें रहतें है। 
  • तुला राशि में जन्मे जातक आयु के बढ़ने के साथ साथ मोटापे के शिकार बनते है। 
  • वृश्चिक राशि में जन्मे लोग अग्नि तत्व की राशि होने से ज्यादातर पतले ही होते है। 
  • धनु राशि में पैदा हुआ जातक खाने पिने के शौकीन होए के कारण अपना भार बड़ा लेते है। 
  • मकर राशि में जन्मे लोग सुस्ती त्याग दें तो मोटापे से बचे रह सकते है। 
  • कुम्भ राशि में जन्मे लोग ज्यादातर मोटापे से बचे रहते है। 
  • मीन राशि जलतत्व राशि होने से इस में जन्मे लोग मोटापे के शिकार होते है। 
यह साधारण विश्लेषण है, कुण्डली का पूर्ण अध्ययन करने से ही मोटापे का कारण और निवारण पता चलता है। 


Wednesday, 26 June 2019

सप्तम भाव और विवाहिक जीवन


कुण्डली के सप्तम भाव से प्राय विवाहिक जीवन बारे ज्ञान मिलता है। मेने  अनुभव किया है की सप्तम भाव में ग्रहों का विवाहिक जीवन पर काफी प्रभाव होता है। इस के इलावा सप्तमेश की स्थिति को भी ध्यान में रखना अनिवार्य है। अगर सप्तमेश नीच राशि में त्रिक भावों में हो या अस्त हो और पापी ग्रहों से देखा जाता हो तो भी ग्रहस्थ में ख़राबी होती है, ऐसा अनुभव में देखा गया है। यहाँ हम सिर्फ सप्तम भाव में बैठे ग्रह के बारे में ही विचार करेंगे।
☀सूर्य अगर सप्तम भाव में बैठा हो तो व्यक्ति की पत्नी के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। औरतों द्वारा मनुष्य का तिरस्कार होता है। मनुष्य का चरित्र विवादस्पद रहेगा। सूर्य की गर्मी की तपश से  यह मनुष्य की वासना को अनियंत्रित करता है।
☽ चन्द्रमा अगर सप्तम भाव में हो तो पत्नी का रंग पति से गोरा होता है। पत्नी के वश में जीवन बीतता है।  नरम सवभाव से कोई भी वश में कर सकता है।
🔴 मंगल सप्तम में होने से पत्मि को कष्ट होता है नीच औरतों के संपर्क में रहता है।  औरत के हो तो उस का शरीर गठा हुआ होगा। स्तन उन्नत होंगे। जातक के शरीर में रोग ज्यादा होंगे और शत्रु भी ज्यादा होंगे।
☿ बुध सप्तम में होने से जातक संभोग में शिथिल होता है उस की पत्नी मृगनैणी और सूंदर होगी। बुध अगर अकेला हो तो जातक सुन्दर व् बुद्धिमान होगा।विवाहिक जीवन सुखमय होगा।
♃ गुरु सप्तम में होने से जातक का सवभाव नर्म होता है , अगर गुरु सवराशि  हो तो विवाहिक जीवन सुखमय नहीं होता , कई बार तलाक की नौबत भी आ जाती है।
शुक्र सप्तम में होने से दो शादी होने का योग बनता है या रिश्ता हो कर टूट जाता है। दाम्पत्य जीवन में मुश्किलें पैदा होती है।  विवाह लोगो में चर्चा का विषय बनता है।
 ♄ शनि सप्तम में होने से विवाह में कई बार देरी करवाता है।  जातक का शरीर दोषयुक्त रहता है। पत्नी से मनमुटाव रहता है। विवाहिक सन्तुस्टि नहीं मिलती।
🐍राहु सप्तम में विवाहिक शनि नहीं होने देता , व्यक्ति परस्त्रीगामी होता है।  अगर ज्योतिषी उपाय न किये जाएं तो जीवन सुखमय नहीं रहता। जातक क्रोधी होता है।
केतु सप्तम में होने से जातक को स्त्री सुख कम मिलता है , जातक व्यभिचारी होता है।
कुण्डली का पूर्ण विश्लेषण करने के बाद ही विवाहिक भविष्यवाणी की जा सकती है।


Monday, 17 June 2019

जिस लड़की की शादी नहीं हो रही उसका
 सोने का कमरा NORT-WEST दिशा
में करने से जल्दी शादी होगी। 

Sunday, 16 June 2019

देखने वाला शीशा दक्षिण और पश्चिम
की दिवार पर कभी मत लगाएं
बच्चे कहना नहीं मानेंगे 

Thursday, 13 June 2019

FEEL THE POWER OF GEM STONES

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Wednesday, 12 June 2019

निर्जला एकादशी 13 जून 2019 को
व्रत रखने से स्वर्ग प्राप्ति होती है।
ऐसा शास्त्रों में लिखा है। 

Monday, 3 June 2019

MINIMIZE YOUR PROBLEMS LIKE DELAY IN MARRIAGE, LOVE AFFAIRS, FAMILY DISPUTES, CHILDREN PROBLEMS, PERMANENT RESIDENCY ON FOREIGN LAND, BUSINESS PROBLEMS, PROBLEMS IN JOB, EVIL SPIRITS, DEPRESSION  THROUGH ASTROLOGY, NUMEROLOGY, LOSU GRID, VASTU GUIDANCE .

MEET PERSOLALLY :

KAULA LUMPUR(MALASYA):             ON JUNE 7, 2019
BRISBANE(AUSTRALIA):                     JUNE 9, 2019 - JUNE 28, 2019
GOLD COAST :                                        JUNE 29-30,2019
MELBOURN:                                            July 1-6, 2019
CANBERRA:                                            JULY 7-8, 2019
 CONTACT FOR APPOINTMENT :    
WHATSAPP   +919417355500
Email: janakastro24@gmail.com
janakastro.blogspot.com

Saturday, 1 June 2019

ज्योतिष उपायों में सब्र(PATIENCE)

आज के युग में पर्त्येक व्यक्ति चाहता है की उसकी किसी भी  समस्या का समाधान ज्योतिष उपायों द्वारा कुछ घण्टों में हो जाए।  सच्चाई तो यह है की किसी भी समस्या के समाधान में कुछ वक़्त लगता है।  अगर समस्या बहुत गंभीर है तो समाधान में समय ज्यादा लगता है। पिछले जन्मों के कुकर्मो द्वारा उत्पन समस्या को ठीक करने में महीने यां कुछ वर्ष भी लग सकते है।
जैसे बच्चा माता की कोख में नौ  महीने के बाद ही पैदा होता है अगर यह सोचा जाए की चार-पांच महीने में ही हो जाए तो यह संभव नहीं होता। आम का पेढ़ लगाने के 4-5 साल बाद ही फल देता है।
ज्योतिष में कुछ लोग तुरंत फल चाहते है जो संभव नहीं होता।  पर्त्येक कार्य को फलीभूत होने में एक वक़्त लगता है। उदहारण के तोर पर पर्त्येक बीमारी को ठीक होने में समय लगता है , अगर टुबरक्लोसिस (T B) हो  तो 6 महीने लगातार दवाई खानी पड़ती है। यह बीमारी पर निर्भर है कितना समय दवाई खानी पड़ेगी।  और ऐसा ही ज्योतिषे उपायों में होता है। 

ज्योतिष में सब्र(Patience) जरुरी है।  24 घंटों में कार्यसिद्धि करने वालों से सावधान रहें।