ओपरी कसर और लाल किताब के फ़रमान
लाल किताब में बला-ए-बद, हवा-ए-बद या नज़रें बद, भूत-प्रेत का असर किन ग्रहों के कारण होता है? क्या उपाय करें?
लाल किताब में फ़ारसी और उर्दू भाषा के शब्दों को ध्यान से समझने के बाद इस बात का पता चलता है कि व्यक्ति की कुंडली से यह जाना जा सकता है कि किस ग्रह के कारण से व्यक्ति को नज़र लग सकती है या कोई बद- रूह उसपर हमला कर सकती है।ओपरी कसर, किता-कराया ( Evil Spirit) डायन, भूत-प्रेत क्या मन के वहम, मानसिक रोगों, भूत प्रेतों की कहानिया पड़ने या हॉरर मूवीज़ देखने के कारण ही होते हैं या इन का कोई ज्योतिषये आधार भी है? जिस व्यक्तिओं पर बद रूहों का असर होता है उनके अंदर नकारात्मक ऊर्जा ज़्यादा होती है।
शास्त्रों और ग्रंथों में जिन, भूत, डायन का ज़िक्र देखा जा सकता है। अथर्व वेद में भी ऐसे कृत्यों, अभिचारों का वर्णन आता है और उस से छुटकारा प्राप्त करने के उपाय भी बताए हुए है मगर लाल किताब में इस बारे कैसे और किन ग्रहों कारण बुरी बलाओं जिनसे व्यक्ति पर विपत्ति आती है और दुर्भाग्ये साथ नहीं छोड़ता ऐसा वर्णन आत्ता है।
लाल किताब के 1941और 1952 संस्करण में बला- ए- बद और हवा-ए-बद का ज़िक्र है, किसी व्यक्ति की कुंडली में चन्द्र खाना न 3 में हो और उनके लड़की जन्म ले तो चन्द्र की आशियाँ जैसे चाँदी, चावल या दूध का दान करना चाहिए अगर लड़का हो तो सूर्य की वस्तुओं का दान करना चाहिए जिससे बुरी बलाऐं दूर रहें। चन्द्र 3 वाले व्यक्ति की जब शादी हो या उसके घर में शादी के बाद कोई और औरत आए तो ताम्बा, गहुँ का दान करना चाहिए जिस से उनके घर में चोरी, ज़हमत से बचाव रेहेगा।
बुध खाना न 9 को 1941 की लाल किताब में तिलस्मी भूत कहा है जिस का साया मालूम न हो सके।
जब तब बुध 9 में बेठा ग्रह न कोई बोलता हो
भूले से गर कोई बोले बुध न उसको छोड़ता हो
साया तो है नज़र आता बुध नज़र आता नहीं
चन्द्र अगर भाव न 3,8,5,9 में हो तो बुध के ज़हर से बचाव होता रहता है यानी बुध का तिलस्मी साया बुध पर नहीं पड़ता नहीं तो बुध का ज़माना 13, 15, 17,18,34 दिन, महीना या साल को बुरा असर देगा कभी नेक न होगा न ही खुशहाल रहने देगा।
चमगादड के मेहमान आए जहां हम लड़के वहाँ तुम लटक जाओ ऐसा हाल होगा।
नाक छेदन से लाभ मिले, अगर फिर भी आराम ना मिले तो नया कपड़ा जब भी पहनना हो तो पहले उसपर दरिया के पानी के छींटे लगा ले और नया कपड़ा पैंट सूट, पजामा, क़मीज़, बानियान पहली बार दुपहर से पहले पहने।इस के बाद कोई परहेज़ नहीं होगा।
केतु दरवेश अगर नीच फल दे रहा हो और ऐसे व्यक्ति का मकान गली के आख़री छोर पर या T बनती हो तो इस मकान में रहने वाली औरतों और बच्चों पर हमला होगा। हवा चलेगी भूत-प्रेती बच्चों पे हमला करती है।
कुंडली में अगर बृहस्पति-शनि की युति हो और केतु की कुदृष्टि उनपर पड़ती हो तो औलाद पर बला-ए-बद या हवा-ए-बद का असर होगा। शाहरह -ए -आम (Common Highway) या गली का वेध हो तो सीधी हवा घर में प्रवेश करती हो जिसमें बुरी आत्माऐ जिन,भूत प्रेत Evil Spirits घर में प्रवेश कर जाएँगी। लाल किताब अनुसार चन्द्र, बुध, केतु और बृहस्पति-शनि की युति का अध्ययन करना चाहिए।
ज्योतिष में (RESEARCH) शोध की बहुत ज़रूरत है।
ASTROLOGY RESEARCH CENTRE, HOSHIARPUR
WhatsApp 9417355500
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.