Translate

Thursday, 27 May 2021

 Astrology Research Centre, Hoshiarpur

औलाद का सुख और लाल किताब 

दूजे छटे जब शुक्र जागे, मदद गुरु, रवि पाता हो 

मच्च रेखा परिवार क़बीले, औलाद दौलत सब उमदा हो 

छटे रवि घर १२ होते, साथी मंगल बुध बनता हो 

तीन राहु घर दोस्त बदले, लवलद कभी न होता हो 

कुंडली में बृहस्पति, सूर्य, चन्द्र, बुध, शनि, राहु की स्तिथि से औलाद के सुख बारे देखा जाता है। 

बृहस्पति खाना न 3, 8 में हो और मंगल 2, 5, 9, 12 में हो, बृहस्पति खाना न 1,5 में और सूर्य 2, 5,9,12 में हो 

बृहस्पति खाना न 4 में और चन्द्र 2,5,9,12  में हो ।

सूर्य 3,8 में हो और मंगल 1,5 में हो, सूर्य 6,7 में हो और बुध 1,5  में हो, सूर्य 4 में हो और चन्द्र 1,5 में हो ।

चन्द्र 3,8खाना में और मंगल 4 में हो, चन्द्र 4 में और मंगल 3,8 में हो।

शुक्र खाना न 6,7 में और बुध खाना न 2,7 में हो, शुक्र 8,10 में और शनि 2,7 में हो, शुक्र 6 में हो और केतु  2,7 में हो तो औलाद का सुख मिलेगा।

बुध खाना न 12में हो और राहु  6,7  में हो,  बुध  8,10 खाना में और शनि  6, 7 में हो, शनि 12 में और राहु  8,10 में हो और राहु 6 खाना में हो और केतु खाना न 12 में हो तो औलाद का सुख ज़रूर मिलता है।

whatsapp 9417355500

Saturday, 22 May 2021

 मकान शहर की किस दिशा में बनाए या ख़रीदें?

अच्छे घर का सपना सब लोगों का होता है तो घर बनाने या ख़रीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखें जो वास्तु या कुंडली में बेठे ग्रहों के अनुरूप हों।घर का मुख्ये दरवाज़ा किस दिशा में हो? शहर की किस दिशा में मकान बनाना या ख़रीदना रहेगा शुभ? मकान किस ग्रह से संबंधित हो? 

शहर की किस दिशा में मकान बनेगा या उत्तम फल देगा? इस को देखने की दो विधियाँ हैं (1) कुंडली में चंद्रमा जिस राशि या खाना में बेठा हो जैसे चन्द्रमा दसवें भाव में हो तो शनि की दिशा पश्चिम में होना शुभ फल दायक होगा।इसी तरह चन्द्रमा चोथे भाव का मालिक होने से चन्द्रमा की दिशा उत्तर मानी जाती है । सब ग्रहों की एक दिशा निर्धारित की गई है जैसे सूर्य की पूर्व, चन्द्रमा -उत्तर-पश्चिम, मंगल की दक्षिण, बुध की उत्तर, बृहस्पति की उत्तर-पूर्व, शुक्र की दक्षिण -पूर्व, शनि की पश्चिम दिशा मानी जाती है।

लाल किताब के अनुसार पहला घर पूरब दिशा का कारक है।यानी जिस व्यक्ति का सूर्य बहुत अच्छा है उसके लिया पूरब दिशा का मकान होना अच्छा रहगा।इसी तरह मांगज बहुत अछी स्थिति मीन हो तो उसके लिए दक्षिण दिशा का मकान होना भी अशुभ फल नहीं देगा।

कुंडली का दूसरे घर सम्बंध उत्तर पश्चिम दिशा से है। तीसरे घर का सम्बंध दक्षिण दिशा से है क्यूँकि इसका कारक मंगल ग्रह है।

चौथे घर का सम्बंध चन्द्रमा से है।जो उत्तर दिशा का कारक है।

पाँचवे घर का सम्बंध पूर्व दिशा से है।मकान के अंदर जहाँ से हवा और रौशनी आती है उसका सम्बंध पाँचवे  घर से है।

छँटें घर का सम्बंध उत्तर दिशा से है।और किसी हद तक इसका सम्बंध व्यापार से भी है।

सातवें घर का सम्बंध दक्षिण पश्चिम दिशा से है ऐसे व्यक्ति के लिए दक्षिण  पश्चिम का मकान शुभ फल दे सकता है।

आठवाँ घर दक्षिण दिशा का कारक है।आठवें घर  के कारक मंगल और शनि हैं जो कि ग्रह फल का कारक है।

नौवें घर का सम्बंध बृहस्पति से है।जिसकी दिशा उत्तर पूर्व है।

दसवें घर का सम्बंध रोज़गार, व्यापार या नौकरी से है।दसवें घर को ठग्गी द्वार भी कहा जाता है क्योंकि अपने लाभ के लिए धन कमाने या अपने कार्य में प्रगति के लिए दूसरों को धोखा देते हैं।इस घर की दिशा पश्चिम है।

ग्यारहवाँ घर व्यक्ति के लालच का प्रतीक है, और पश्चिम दिशा का कारक है।

बहरवां  घर दक्षिण पूर्व दिशा का कारक है।और पड़ोसी से सम्बंध का कारक भी है।

अगर आपका मकान बन चुका है तो आप जान सकते है कि किस ग्रह से सम्बंधित आपका मकान है।अगर नया मकान बनाना है या ख़रीदना है तो कुंडली का विश्लेषण करवा कर इस बारे में जाना जा सकता है की शहर की किस दिशा में मकान शुभ रहेगा 

Astrology research centre Hoshiarpur WhatsApp 9417355500


Sunday, 9 May 2021

लाल किताब के फ़रमान 

सूर्य देव के रहस्य 

सूर्य देव विष्णु भगवान पक्का घर 1 लग्न, शुभ घर  1-5,8,9,11,12 अशुभ 6,7,10खाना में होगा। दुश्मन ग्रह शनि, राहु और शुक्र के साथ हो तो अशुभ प्रभाव ही देगा।दुश्मन ग्रह की टक्कर हो तो मँदा फल ही मिले।कुंडली में बुध-शुक्र की यति तो मसनुई सूर्य बनाए।राहु,शनि,केतु का टकराव हो तो सूर्य मँदा फल देगा।मुँह में पानी आते रहना सूर्य मँदा की निशानी होगी।

उपाये:-मुँह में गुड डाल कर साथ में पानी का घूँट पी कर कार्य पर जाए  तो सफलता साथ दे।