लाल किताब नियम 'टकराव के ग्रह' ओर 'बुनियादी ग्रह'।व्याकरण
टकराव के ग्रह
लाल किताब में फलादेश के लिए टकराव के ग्रह को समझना बहुत ज़रूरी है।जन्म कुंडली में या वर्ष फल में जब एक ग्रह से दूसरा छटे-आठवें स्थान पर हो तो उन में टकराव हो जाता है।यह ग्रह आपस में मित्र भी हों तब भी आपस में दुश्मनी ही करेंगे।मानो एक ग्रह भाव 1 में हो तो दूसरा 8 भाव में आ जाए तो पहले भाव में बेठ ग्रह आठवें वाले ग्रह की जड़ ही काट देगा।यानी आठवें घर में बेठे ग्रह के लिए अशुभ ही होगा।मगर आठवें भाव वाला ग्रह पहले वाले ग्रह पर कोई असर ना डालेंगे।किसी भी कुंडली का टकराव के ग्रह को ध्यान में रख कर फलादेश करने से सटीक फल मिलतें हैं।
बुनियादी ग्रह
जब एक ग्रह दूसरे से नवम-पंचम में हो तो ऐसे ग्रह चाहे शत्रु हों या मित्र एक दूसरे के सहायक ही होते हैं।वर्ष कुंडली में 1-5, 2-6 ,3-7 ,4-8 ,5-9 ,6-10 , 7-11 , 8-12 में बेठे ग्रह का सहायक ही होगा।
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