कुण्डली में लग्न-लग्नेश का नवम के साथ संबंध और नौवें भाव का स्वामी स्व राशि, मूल त्रिकोण या उच्च राशि का केन्द्र या त्रिकोण में बैठा हो तो लक्ष्मी योग बनता है।
यदि नौवें भाव का स्वामी और शुक्र दोनों अपनी उच्च राशि, मूल त्रिकोण में एक- दूसरे से केंद्र भाव में स्थित हों तो लक्ष्मी योग बनता है।
ऐसा व्यक्ति धनी, भद्र ,सज्जन, विद्वान, उच्च प्रतिष्ठा और सफल प्रशासक होता है। 💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💰💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸💸
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