ज्योतिष में ग्रहण के कारण व्यक्ति पर क्या प्रभाव पड़ते हैं? क्या ग्रहण में कुछ खाना नहीं चाहिए , ग्रहण की अवधि के दौरान चाकू, कैंची या सुई इस्तेमाल करने की मनाही क्यों है और भी क्या क्या करने की मनाही होती है ? सूर्य को आत्मा और चन्द्र को मन कहा जाता है।सूर्य ग्रहण में नंगी आँखों से सूर्य की तरफ़ देखना आँखों पर बुरा प्रभाव डालता है, ग्रहण के समय क्या वायुमंडल में जीवन के लिए ज़रूरी मानी जाने वाली गैस की मात्रा भी कम हो जाती है? ग्रहण कब लगता है जब भी पृथ्वी और सूर्य के बीच चन्द्रमा रुकावट पैदा करेगा तो सूर्य ग्रहण लगता है। जब पृथ्वी सूर्य और चन्द्रमा के बीच आ जाती तो चन्द्रमा ग्रहण लगता है।इसका मतलब सूर्य, चन्द्रमा और धरती आपस में एक दूसरे के लिए रुकावट या अड़चन पैदा कर रहे हैं।
लाल किताब में ग्रहण को ग्रहों की युति के साथ जोड़ कर देखा जाता है। जब भी किसी भी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य या चन्द्रमा के साथ राहु, केतु या शनि हों तो ग्रहण माना जाता है।
सूर्य-राहु युति बनती है ग्रहण जिस के कारण सूर्य की कारक वस्तुयों पर बुरे प्रभाव ही पड़ते हैं
ग्रहण रवि की क़िस्मत होती, वर्ना उम्र छोटी हो ।
उम्र राहु औलाद शक्की, राज कमाई जलता हो।
राहु से चोरी, बुख़ार, या घर कारोबार में चोरी, मुक़दमा, और फ़साद, ऊपरी हवा भी देखी जाती है।